गाेकशी का आरोप लगाकर किया था हंगामा दरअसल, इस हिंसा के पीछे कथित गोकशी को जिम्मेदार ठहराया गया था। गोकशी का आरोप लगाकर साेमवार को ग्रामीणों ने हंगामा किया था। पुलिस के वहां पहुंचने पर ग्रामीण हिंसक हो उठे और जमकर बवाल हुआ। इसमें स्याना कोतवाली प्रभारी सुबोध कुमार सिंह और एक युवक सुमित की मौत हो गई थी। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत गोली लगने के कारण हुई थी।
पूछा- कौन लाया था मीट इस मामले में सपा के दिग्गज नेता आजम खान ने कहा है कि अगर इसके पीछे गोकशी का मामला नजर आ रहा है, तो उसकी जांच होनी चाहिए। जांच में यह भी पता करना चाहिए कि वहां मीट कौन लेकर आया था। उस क्षेत्र में अल्पसंख्यक आबादी ही नहीं है। उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो के आधार पर शिनाख्त की जाए और नारे लगाने वालों की पहचान की जानी चाहिए।
दादरी के भी रह चुके हैं जांच अधिकारी एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह दादरी के मामले में भी जांच अधिकारी थे। पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह दादरी में अखलाक हत्याकांड की जांच कर रहे थे। इसको देखते हुए एसआईटी की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्होंने एसआईटी पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि एसआईटी में भी यहीं पुलिसकर्मी होते हैं इसलिए उसकी जांच के बारे में कुछ नहीं कह सकते। उन्होंने सीबीआई पर भर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अब तो सीबीआई भी निष्पक्ष नहीं है, ऐसा कहा जा रहा है।