गांव की प्रतिभा गुदड़ी के लालों को सीखा रही व्यक्तित्व विकास के गुर
राजसमंदPublished: Oct 20, 2019 01:29:23 pm
bग्रामीण बालकों को पढ़ाई के साथ नैतिक शिक्षा भी दे रहा इंजीनियरिंग छात्रभीम के ठीकरवास गांव की चौपाल पर लगती है पाठशाला
गांव की प्रतिभा गुदड़ी के लालों को सीखा रही व्यक्तित्व विकास के गुर
प्रमोद भटनागर
भीम. सिविल इंजीनियरिंग कर चुका गांव का एक युवा नौकरी लगने से पहले गांव के बच्चों का भविष्य सुधारने का प्रयास कर रहा है। इसके तहत वह अपने समय का न सिर्फ सदुपयोग कर रहा है, बल्कि समकक्ष युवाओं से लेकर सभी के लिए एक अनूठा उदाहरण पेश कर रहा है कि वे अपनी योग्यता का उपयोग किस तरह वंचित और अभाव में रहने वाले वर्ग के बच्चों के लिए कर सकते हैं।
यह युवा है उपखण्ड के ठीकरवास निवासी इंजीनियरिंग का छात्र इंद्रजीत सिंह पुत्र मोहनसिंह रावत। वह गांव के बालकों को निशुल्क शिक्षण करवाा रहा है। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा से सिविल इंजीनियरिंग कर आईईएस इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा पास कर चुके सिंह करीब नब्बे छात्र -छात्राओं को ठीकरवास कलां गांव की चौपाल पर निशुल्क पढ़ाते हैं। वे उनके कोर्स की पढ़ाई के साथ ही बालकों के व्यक्तित्व विकास, नैतिक संस्कार, खेलकूद, क्विज आदि प्रतियोगिताओं की भावना जगाने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी करते हैं। इससे बालकों में उत्साह का माहौल है और उन्हें इन कार्यक्रमों के माध्यम से काफी कुछ सीखने को भी मिल रहा है। वे बच्चों के ज्ञानवर्धन के लिए विभिन्न पाठ्य पुस्तकों एवं खेल-खेल में मनोरंजन के साथ दैनिक क्रियाकलाप करते हैं और तंदुरुस्त रहने के गुर भी सिखाते हैं।
इंद्रजीत सिंह ने बताया कि वे इस वर्ष संघ लोक सेवा आयोग की आईईएस परीक्षा प्री व मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण कर साक्षात्कार दे चुके है। इसका परिणाम आना अभी बाकी है। उन्होंने बताया कि पढ़ाई के दौरान उन्होंने युवाओं को उचित मार्गदर्शन एवं क्षेत्र में शिक्षा की खासी कमी महसूस की। इसी के चलते उन्होंने गरीब बालकों को पढ़ाने एवं शिक्षा के प्रति जागरूक करने का निश्चय किया। उन्होंने बताया कि सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान कोटा की कच्ची बस्तियों व झुग्गी झोंपडिय़ों के बच्चों तथा 2017 में इंजीनियरिंग कर गांव में आने पर यहां के बच्चों को शिक्षण करवाना शुरू कर दिया। इसको लेकर विश्वविद्यालय उन्हें पुरस्कृत भी कर चुका है। वे समय-समय पर स्थानीय प्राथमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में जाकर भी विद्यार्थियों की क्लास लेते रहते हैं। पढ़ाई के साथ युवाओं व नौजवानों को कैरियर गाइडेंस, उच्च अध्ययन, कौशल विकास व उन्हें हुनरमंद बनने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहे हैं।