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राजसमंद

यहां दस हजार कर्मचारियों ने किया शहीद को अंशदान का ऐलान, अंतिम विदाई देने पहुंचे हजारों की संख्या में लोग

यहां दस हजार कर्मचारियों ने किया शहीद को अंशदान का ऐलान, अंतिम विदाई देने पहुंचे हजारों की संख्या में लोग

राजसमंदFeb 16, 2019 / 04:56 pm

anandi lal

Pulwama Attack

Pulwama Attack

राजसमंद। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद राजसमंद के हैड कांस्टेबल नारायणलाल गुर्जर की पार्थिव देह के अंतिम दर्शनों के लिए शहर से पैतृक गांव तक हजारों की संख्या में लोग उमड़ पड़े। राजसमंद में तमाम मार्गों पर जाम की स्थिति बन गई। शहीद की अंतिम यात्रा में “जब तक सूरज चांद रहेगा, नारायण तेरा नाम रहेगा” के गगनभेदी जयघोष से गूंज उठा। गरीबी में पल-बढ़कर देश की सीमा पर कुर्बान हुए मेवाड़ का लाल नारायण गुर्जर अपने आखिरी सफर पर चल पड़ा। उनके अंतिम दर्शनों के लिए शनिवार दोपहर अपार जनसैलाब देखने को मिला।
हाथों में फूल-मालाएं, आंखों में आंसू और दिलों में गुस्सा लेकर हजारों लोग शहर के चप्पे-चप्पे पर जांबाज सपूत के पैतृक गांव के पूरे रास्ते में मौजूद रहे। कांकरोली स्थित जेके हवाई पट्टी पर वायुसेना के विशेष विमान से सुबह साढ़े 11 बजे तिरंगे में लिपटी शहीद की पार्थिव देह पहुंची। यहां विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, विधायक किरण माहेश्वरी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, सीआरपीएफ, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे। हजारों लोग जेके हवाई पट्टी पर फूल-मालाएं लेकर पहुंचे। यहां श्रद्धांजलि के बाद देशभक्ति गीतों की गूंज के बीच अंतिम यात्रा रवाना हुई, जो शहर के 50 फीट रोड होते हुए राजसमंद कलक्ट्रेट स्थित शहीद स्मारक पहुंची।
जेके हवाई पट्टी पर बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए प्रयास भी किए गए, मगर सैकड़ों लोग अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके और दर्शनों के लिए अन्दर घुस गए। उधर, शहीद नारायण लाल गुर्जर के पार्थिव देह की प्रतीक्षा में बिनोल में भी बड़ी तादाद में ग्रामीण मौजूद हैं। शहीद के पार्थिव देह के स्वागत व दर्शनों के लिए उमड़ रहा हुजूम बिनोल गांव की गलियों व चौराहों पर भारत माता व शहीद नारायण गुर्जर के जयकारे गूंज उठे। शहीद पार्थिव देह राजसमंद के शहीद स्मारक होकर सौ फीट से पुलिस लाइन पहुंची, जहां शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद आरके जिला अस्पताल से होते हुए भीलवाड़ा रोड से बिनोल ले जाया जा रहा है।
राजसमंद के शहीद स्मारक, जलचक्की, कांकरोली चौपाटी और मुखर्जी चौराहा समेत कई स्थानों पर आमजन, स्कूली विद्यार्थी, जनप्रतिनधि, सरकारी कर्मचारी और बड़ी संख्या में महिलाएं हाथों में फूल-मालाएं लेकर खड़े रह गए। पार्थिव देह को बाहर के रास्तों से होकर बिनोल के लिए रवाना किया गया। बिनोल में अंतिम दर्शन के लिए तमात तैयारियां पूरी कर ली गई, जहां कुछ ही देर में बंदूकों की सलामी के साथ ही शहीद को अंतिम विदाई दी जाएगी। इससे पहले उनके घर के बाहर अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव देह रखी जाएगी।
दस हजार कर्मचारी देंगे अंशदान

जिले के सभी कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि जिला कलक्टर से मिले, जिन्होंने जिला मुख्यालय पर कर्मचारियों की ओर से शहीद सहायता कोष गठन की घोषणा की है। जिले में कार्यरत दस हजार से अधिक कर्मचारियों-अधिकारियों की ओर से मार्च माह के वेतन से अंशदान कटौती कराकर जमा कराई जाएगी। इस राशि में से शहीद नारायणलाल गुर्जर के आश्रित परिवार को 25 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। आम लोग भी मदद को आगे आ रहे हैं। उन्होंने शहीद की पत्नी के बैंक खाते में पैसा जमा कराने का आह्वान किया।
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