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विक्षिप्तों का इलाज, छात्रों को किया जागरूक : रंग लाया पत्रिका का अंधविश्वास मायाजाल अभियान

locationराजसमंदPublished: Sep 13, 2018 09:45:25 am

Submitted by:

laxman singh

आमेट में चिकित्सा शिविर के बाद कार्यशाला

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राजसमंद. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आमेट में आयोजित विशेष चिकित्सा शिविर में 18 मानसिक विक्षिप्तों का उपचार किया गया। मनो चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य जांच व परामर्श के बाद आवश्यक दवाइयां दी गई।
राजस्थान पत्रिका के अंधविश्वास का मायाजाल अभियान के तहत 13 अगस्त को ‘अंधविश्वास बना रहा पढ़े-लिखों को पागल…’, 14 अगस्त को ‘दर दर भटकते गुजरी जिन्दगी, फिर मौत भी लावारिस…’ शीर्षक से खबरें प्रकाशित कर विक्षिप्तों की दयनीय स्थिति का खुलासा किया। इस पर चिकित्सा विभाग ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आमेट में विशेष चिकित्सा शिविर सुबह 9 बजे शुरू हुआ। शिविर में मनो चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. शिशुपाल सिंह द्वारा विक्षिप्त की स्वास्थ्य जांच के बाद परिजनों से भी उसके बारे में जानकारी ली। बाद में सायकेट्रिक नर्स रामबाबुसिंह द्वारा उपचार करते हुए दवाइयां वितरित की गई।
रेलमगरा में शिविर 18, चारभुजा में 25 को
ग्रामीण क्षेत्र में भटकते मानसिक रोगियों का उपचार करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रेलमगरा में विशेष शिविर 18 सितम्बर को आयोजित होगा। इसी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चारभुजा में 25 सितम्बर को शिविर में डॉ. शिशुपालसिंह द्वारा उपचार किया जाएगा।
छात्रों से जागरुकता का आह्वान
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आमेट में मानसिक रोग जागरुकता कार्यशाला हुई। मनो चिकित्सक डॉ. शिशु पाल सिंह ने कहा कि मानसिक विक्षिप्तता कोई टोना टोटका की वजह से नहीं है, बल्कि एक बीमारी है। घर, परिवार, आर्थिक, सामाजिक स्तर पर मानसिक दबाव के चलते दिमागी संतुलन गड़बड़ाने की वजह से व्यक्ति विक्षिप्त हो जाता है। विक्षिप्तता के कई प्रकार और कारण है, मगर उसे मंदिर, भोपा, ओझा या तांत्रिक के पास ले जाकर उसकी जान जोखिम में डालना है।
नहीं हुई पहचान, विक्षिप्त महिला आशाधाम शिफ्ट
राजसमंद. हाथ की कलाई पर कमला अंकित है, मगर लब पर एक ही शब्द ‘गीता’। प्रचेता से लेकर चिकित्सा विशेषज्ञ व काउंसलरों द्वारा परामर्श के बाद भी उसकी पहचान नहीं हो पाई। बाद में आरके जिला चिकित्सालय से उसे आशाधाम उदयपुर भेज दिया, जहां रहने, खाने व इलाज के साथ सुरक्षित प्रसव भी हो सकेगा। राजस्थान पत्रिका के 10 सितम्बर के अंक में ‘महिला मुख्यमंत्री का प्रशासन नहीं ले रहा विक्षिप्त महिला की सुध…’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर कुन्दवा क्षेत्र में भटकती विक्षिप्त महिला का दर्द व असुरक्षा का खुलासा किया। इस पर कुंदवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की जेनमा, आंगनवाड़ी सहायिका रेखा शर्मा, ललिता शर्मा, मंजू प्रजापत ने उसे आरके जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां वन स्टॉप सेंटर पर काउंसलर रीना गाडरी व सुमन वैष्णव द्वारा गहन परामर्श किया गया। साथ ही इलाज के साथ रातभर देखभाल की। बुधवार सुबह चिकित्सा जांच व परामर्श के बाद भी उसकी पहचान नहीं हो पाई। इसके बाद रेडक्रॉस सोसायटी के मानद सचिव राजकुमार दक, ब्रजलाल कुमावत भी जिला अस्पताल पहुंचे और उसकी पहचान के प्रयास किए। विक्षिप्त महिला के गर्भवती होने से सुरक्षा व सुविधा के लिहाज से आशाधाम उदयपुर में रखने के लिए डेनियन से संपर्क किया। बाद में मार्बल गैंगसा एसोसिएशन की नि:शुल्क एम्बुलेंस के जरिये वन स्टॉप सेंटर काउंसलर रीना व सुमन के साथ विक्षिप्त महिला को उदयपुर भेज दिया गया।
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