script

मिनरल प्लांटों के अस्तित्व पर संकट : छह माह से एक शिफ्ट में चल रहे उद्योग

locationराजसमंदPublished: Sep 25, 2018 12:28:34 pm

Submitted by:

laxman singh

फेल्सपार का नहीं मिल पा रहा पर्याप्त माल

Rajsamand,Rajsamand news,Rajsamand Hindi news,Rajsamand local news,rajsamand news in hindi,rajsamand latest hindi news,Latest hindi news rajsamand,

मिनरल प्लांटों के अस्तित्व पर संकट : छह माह से एक शिफ्ट में चल रहे उद्योग

राजसमंद/देवगढ़. फेल्सपार का कच्चा माल गुजरात जाने से क्षेत्र के साथ ही पूरे राज्य की मिनरल इकाइयों पर संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। हालत यह है कि जल्द ही कोई उपाय नहीं किया गया तो राज्य में इस व्यवसाय का अस्तित्व ही खत्म होने की आशंका बढ़ गई है।
राज्य में इस व्यवसाय पर संकट के बादल गुजरात में कच्चे माल की पिसाई के लिए मोरबी में वेट ग्राइंडिंग यूनिट के शुरू होने से लहरा रहे हैं। राज्य के फेल्सपार के लम्स दाने के रूप में गुजरात जाने से अब यहां राजसमंद जिले में लगे करीब 6 00 मिनरल ग्राइंडिंग के साथ ही पूरे राज्य में हजारों की संख्या में ये प्लांट बन्द होने की कगार पर हैं। जिले में तो पिछले 5-6 माह से हालत यह हैं कि 24 घण्टे चलने वाली मिनरल इकाइयां मात्र एक शिफ्ट में चल रही है। इन इकाइयों में लगभग 30 हजार लोग काम करते हैं, जो पहले तीन शिफ्ट में काम चलने के दौरान 8 -8 घण्टे काम करते थे। लेकिन, अब सिर्फ 8 घण्टे ही मिनरल इकाइयां चल रही है। इसी तरह एक मिनरल इकाई में तीन शिफ्ट में 18 श्रमिक काम करते थे, जबकि अब सिर्फ 6 श्रमिक ही कार्य कर रहे हैं। इसके चलते अभी प्रति मिनरल इकाई 12 श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं।
माल बाहर जाना रुके तो बने बात
मिनरल इकाई पर इस संकट का एकमात्र उपाय राज्य से कच्चा माल, लम्स एवं दाने आदि का राज्य के बाहर जाने पर रोक लगाना है। ऐसा होने पर स्थानीय मिनरल इकाइयों को पर्याप्त कच्चा माल मिलने पर इनका संकट दूर होने के साथ ही बेरोजगारों की समस्या दूर की जा सकती है।
व्यवसायी 3 वर्ष से कर रहे मांग
मिनरल ग्राइंडिंग प्लांट के सदस्य एवं व्यवसाई पिछले करीब तीन वर्ष से कच्चे माल के राज्य से बाहर जाने पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, इस व्यवसाय को बचाने के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई। इसके चलते मिनरल व्यवसायी वर्तमान में आंदोलन करने को मजबूर हो रहे हैं।
मंदी का दौर, बंद हो रही इकाइयां
राज्यभर में फेल्सपार व क्वाट्र्ज ग्राइंडिंग इकाइयों की ओर से राज्य से बाहर जा रहे खनिज दाना एवं लम्बस के निर्गमन पर रोक लगाने के लिए उत्पादन बन्द होने की जानकारी खान विभाग के आला अधिकारियों को दे दी गई है। मंदी के दौर की वजह से कई इकाइयां बंद पड़ी है।
राजेश मेवाड़ा अध्यक्ष, लघु उद्योग संघ, देवगढ़
श्री द्वारकाधीश प्रभु के दरबार में लगाई अर्जी
राजसमन्द. प्रदेश व्यापी आंदोलन के तहत मिनरल ग्राइडिंग प्लांट एसोसिएशन राजसमन्द के बैनर तले मिनरल्स व्यवसाइयों ने सोमवार को भी धरना एवं क्रमिक अनशन जारी रखा तथा जिले भर से आए सैकड़ों व्यवसायियों एवं कार्मिकों ने शहर में रैली निकाली एवं द्वारकाधीश मंदिर जाकर अपनी मांग के सन्दर्भ में प्रभु के समक्ष अर्जी लगाकर इस मसले पर राज्य सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की। इस बीच, इस सम्बन्ध में सरकार के उदासीन रवैये को देखते हुए मंगलवार से आमरण अनशन करने का निर्णय किया गया है। सुबह से ही यहां कलेक्ट्रेट के सामने 100 फीट रोड़ स्थित धरना स्थल पर विभिन्न क्षेत्रों से व्यवसाइयों का पहुंचना शुरू हो गया था। ग्राइंडिंग इकाइयों में कार्यरत सैकड़ों श्रमिक भी समर्थन में यहां जमा हो गए तथा संघर्ष समिति संयोजक दिनेश बड़ाला एवं एसोसिएशन अध्यक्ष गोवर्धन राठौड़ के नेतृत्व में रैली निकली। एसोसिएशन सदस्य लालूराम तेली ने बताया कि रैली के बाद धरना स्थल पर सभा हुई। इस दौरान सर्व सम्मति से आमरण अनशन करने का निर्णय किया गया। उन्होंने बताया कि मंगलवार को आमरण अनशन शुरू होगा, जिसके तहत एसोसिएशन सदस्य तपेश पुरोहित, राजीवलोचन शर्मा, डालचंद तेली, जगदीश तेली, कुलदीप चौहान, रमेश गुर्जर एवं मनीष दाधीच मंगलवार को आमरण अनशन पर बैठेंगे।

ट्रेंडिंग वीडियो