मेरा यह 38 वां करवा चौथ का व्रत है। राजनीतिक कॅरियर में होने से इस बार मुझे महाराष्ट्र आना पड़ा और पति सत्यनारायण माहेश्वरी मेरे साथ नहीं है। फिर भी मैं यह व्रत रखूंगी और शाम को चांद देखकर वीडियो कॉल कर पति से बात करके व्रत खोलूंगी। ज्यादातर करवा चौथ के व्रत मैंने पति के साथ रहकर ही किए, मगर चुनाव व अन्य राजनीतिक व्यस्तता के वजह से कुछ व्रत पति के साथ रहकर नहीं कर सकती। करवा चौथ का व्रत कोई त्यौहार नहीं है, बल्कि सौभाग्य है। जमाने के साथ व्रत की परंपरा ज्यादा मजबूत हुई है। पहले व्रत में पुरुषों का सहयोग कम रहता था, मगर आज पति भी पूर्ण सहयोग करते हैं।
किरण माहेश्वरी, विधायक राजसमंद
मेरे पति राजेश गुप्ता अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक होने से व्यस्तता अधिक रहती है। फिर भी हर करवा चौथ का व्रत पति के साथ ही रखा। पहली बार ससुराल में व्रत रही, तब मुझे नेकलेस गिफ्ट में दिया। फिर ब्रासलेट, जो आज भी मेरे लिए खास है। गत वर्ष भीलवाड़ा में पोस्टिंग के दौरान आसमान में बादल छाए रहने से देर रात तक भी चांद नहीं दिखा। फिर मेरे बड़े भाई प्रशांत ने जयपुर से वाट्सएप कॉलिंग से चांद दिखाया, तब व्रत खोला। समय के साथ सजने, संवरने व गिफ्ट का प्रचलन बढ़ा है, मगर करवा चौथ व्रत के प्रति आमजन में श्रद्धा बढ़ी है। रिश्ते प्रगाढ़ हुए हैं। इस बार भी करवा चौथ का व्रत रखने के लिए तैयारी कर ली है।
नीमिषा गुप्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद राजसमंद
पे्रम, विश्वास व श्रद्धा का पर्व है करवा चौथ। आठ बार व्रत पर रही, मगर कभी भूख- प्यास महसूस नहीं हुई। इस व्रत को लेकर हमेशा उत्साह, उमंग रहती है दिनभर। वर्ष 2013 में गर्भवती थी, तब भी मैं व्रत पर रही। मैं उदयपुर थी, तो पति उदयपुर आए। एक पहली बार करवा चौथ व्रत रखा, तब मुझे स्मार्ट फोन गिफ्ट में दिया, तो इतनी खुशी हुई थी कि मैं बयां ही नहीं कर सकती हूं। इस पर्व के प्रति अटूट श्रद्धा है मेरी। इस व्रत में मेरे पति मार्बल व्यवसायी भगवती प्रसाद पालीवाल भी पूर्ण सहयोग देते हैं। इससे रिश्ते में मिठास बढ़ती है और पति से कुछ मनमभावन गिफ्ट पाने की उम्मीद भी जेहन में रहती है।
भावना पालीवाल, अध्यक्ष जिला बाल कल्याण समिति राजसमंद
मेरी गत वर्ष ही शादी हुई और करवा चौथ का व्रत मैं पहली बार रखूंगी। मैंने मां व सहेलियों से व्रत के बारे में पूछ कर आवश्यक तैयारी कर ली है। मेरे पति महिला एवं बाल विकास विभाग में सीडीपीओ है, जो आ रहे हैं। इसके लिए मैंने अवकाश लिया है। जिस तरह से शादी को लेकर जो एक्साइटमेंट था, ठीक वैसा ही मुझे लग रहा है। व्रत कैसे रहुंगी, पूजन कैसे करुंगी के साथ कई तरह के विचार मन में उमड़ रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि जल्द करवा चौथ का दिन उगे और मैं व्रत रखूं, फिर मैं शाम को छलनी में चांद के साथ पति को निहारूं। मेरे लिए यह पहला व्रत होने से अलग उमंग व उत्साह वाला है।
टीना सोलंकी, उप निरीक्षक, पुलिस थाना कांकरोली