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जिले के सीमांत क्षेत्रों में खूब फल-फूल रहा बजरी माफिया

locationराजसमंदPublished: Jun 15, 2019 12:37:02 pm

Submitted by:

laxman singh

धड़ल्ले से किया जा रहा खनन और की जा रही बजरी की काला बाजारीपकड़ से बचने भाग जाते हैं दूसरे जिलों में

Graffiti mafia flourishing in marginal areas of district

जिले के सीमांत क्षेत्रों में खूब फल-फूल रहा बजरी माफिया

गिरिश व्यास /प्रमोद भटनागर

रेलमगरा. उच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद बजरी के दलाल पुलिस एवं खनन विभाग को सरेआम धत्ता दिखा नदी पेटे से बजरी का खनन कर रहे हैं। कार्रवाई की स्थिति में ये लोग जिले का सीमा क्षेत्र होने से दूसरे जिले में भाग जाते हैं, जिससे उन पर कार्रवाई करना भी आसान नहीं होता। इससे नदी किनारों पर स्थित गांवों में आक्रोश फैलता जा रहा है।
बनास नदी पेटे में उच्च न्यायालय के आदेशों की ये दलाल खुलेआम धज्जियां उड़ाते दिखाई देते है। रात में बजरी की काला बाजारी करने वाले ये लोग अब सरेआम दिन के समय में भी बजरी का खनन कर परिवहन करने से नहीं चूक रहे हैं। उपखण्ड क्षेत्र के जगपुरा, गांगास, गिलूण्ड क्षेत्र में इन दिनों बजरी खननकर्ताओं का भारी बोल-बाला है। नदी के एक किनारे पर राजसमंद तो दूसरे छोर पर भीलवाड़ा जिले की सीमा होने का फायदा लेते हुए ये खननकर्ता पुलिस के साथ चोर-पुलिस को खेल खेलते रहते हैं। इतना ही नहीं रात्रि के समय में नदी पेटे में गश्त करते हुए खनन विभाग एवं पुलिस के कर्मचारी अगर इन पर कार्यवाही करने के लिए नजदीक पहुंच भी जाते हैं तो नदी पेटे में दर्जनों की तादाद में मौजूद ये लोग पत्थरबाजी करने से भी गुरेज नहीं करते। इतना ही नहीं बजरी खनन से जुड़े लोगों ने अपने कारोबार को और बढ़ाने के लिए जुगाड़ से बनाई मशीन का उपयोग करना भी सरेआम शुरू कर दिया है।

सरहदों का सहारा, पार कर जाते हैं किनारा
मातृकुण्डिया तक बनास नदी हमारे जिले में ही स्थित है। नदी के उत्तरी छोर पर भीलवाड़ा जिले की सीमा सटी हुई है। रेलमगरा की ओर से बनास नदी की पुलिस एवं खनन विभाग द्वारा नियमित गश्त की जाती है, जिसके चलते राजसमंद जिला सीमा की ओर वर्तमान में बजरी खनन पर प्रतिबंध लगा हुआ है। लेकिन, दूसरे किनारे पर स्थित भीलवाड़ा जिले के लोगों ने सरेआम बजरी का खनन करना शुरू कर दिया है। भीलवाड़ा जिले के बनास नदी के उस पार बसे गांवों के दर्जनों ट्रैक्टर एक साथ एकत्रित होकर मजदूरों की भीड़ के साथ नदी पेटे में पहुंच जाते हैं। इनमें से कुछ लोग राजसमंद जिला सीमा पर आंखें गड़ाए रहते हैं। बजरी खनन होने की सूचना मिलने पर राजसमंद सीमा से पुलिस अथवा खनन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचते हैं तो बजरी से भरे ट्रैक्टरों को नदी से बाहर निकालकर भीलवाड़ा जिले की सीमा में खड़ा कर दिया जाता है। इस स्थिति में पुलिस एवं खनन विभाग बजरी भरे ट्रैक्टरों को आंखों के सामने देखते हुए भी हाथ पर हाथ धरे बैठने को विवश हो जाते हैं। पुलिस नदी पेटे में बैठकर इन ट्रैक्टरों के नदी में उतरने का इंतजार करती है तो दूसरी ओर किनारे के ऊपर खड़े ट्रैक्टर इन अधिकारियों के लौटने का इंतजार करते रहते हैं। अंतत: कुछ भी नतीजा नहीं निकलने पर हाथ लगी बजरी को ट्रैक्टर ट्रोलियों में भरकर रवाना हो जाते हैं वहीं खाली बचे ट्रैक्टर किनारे पर ही खड़े कर दिए जाते हैं।
किनारों पर बढ़ रहा आक्रोश
नदी के एक किनारे पर बजरी खनन पर सख्त निगरानी है, वहीं दूसरे किनारे पर आंखों के सामने बजरी की अवैध रूप से कालाबाजारी हो रही है। कई दिनों से इस तरह का रवैया चलने से नदी किनारे स्थित गांवों के ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है। कई बार तो ग्रामीण चोरी हो रही बजरी को रोकने के लिए नदी पेटे तक भी पहुंच गए, लेकिन विवाद एवं झगड़े तक की नौबत आ जाती है, जिस पर ग्रामीणों को उल्टे पांव लौटना पड़ता है। ऐसे ेमें बजरी के दलालों एवं पुलिस व खनन विभाग के मध्य ऐसा ही खेल चलता रहा तो दोनों छोर पर स्थित गांवों के ग्रामीणों के आमने-सामने होने की आशंका है। जिले के जगपुरा, कर्मा खेड़ी, गांगास, सोनियाणा, पछमता सहित अन्य गांवों के लोग भीलवाड़ा के लोगों द्वारा खुले आम बजरी का खनन कर ले जाने एवं कार्यवाही के नाम पर कुछ भी नहीं किए जाने के मामले से खफा हैं। बदले में इन लोगों ने भी नदी पेटे से बजरी का खनन करना शुरू कर दिया है। वर्तमान में हालात यहां तक बन गए हैं कि जगपुरा एवं गांगास गांवों के निकट नदी पेटे में सुबह से शाम तक दर्जनों ट्रैक्टर बजरी भरते दिखाई देते हैं, वहीं आपसी दुश्मनी से बचने के लिए कोई भी आगे आने को तैयार नहीं।
करेंगे सामूहिक कार्रवाई
दोनों जिलों के खनन विभाग और पुलिस के साथ योजना बनाकर सामूहिक रूप से नियमित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।
चंद्रशेखर भण्डारी, उपखण्ड अधिकारी, रेलमगरा
योजना बनाकर करेंगे कार्रवाई
मामले की जानकारी नहीं है। लेकिन, अगर ऐसा हो रहा है तो दोनों जिलों के संबंधित अधिकारियों से वार्ता के बाद योजनाबद्ध रूप से कार्रवाई की जाएगी।
छोटूलाल शर्मा, उपखण्ड अधिकारी गंगापुर जिला भीलवाड़ा
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