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समझौता करने सीईओ से मिलने गए कांग्रेसी आपस में ही उलझ गए!

locationराजनंदगांवPublished: Jul 21, 2018 11:34:17 am

Submitted by:

Atul Shrivastava

अटेंशन पाने पूरे 24 घंटे धरना, सुबह हुआ बिना शर्त समझौता, जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

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समझौता करने सीईओ से मिलने गए कांग्रेसी आपस में ही उलझ गए!

राजनांदगांव। गुरूवार को सामान्य सभा की बैठक का बहिष्कार करने के बाद करीब २४ घंटे तक जिला पंचायत के मुख्य द्वार में धरना देकर जिला पंचायत सीईओ के खिलाफ जहर उगलने वाले कांग्रेसी जिला पंचायत सदस्य शुक्रवार को अपने संगठन के नेताओं के साथ सीईओ चंदन कुमार के चेंबर में जाकर उनके सामने सरेंडर होकर लौट गए। वापसी में सदस्यों को सीईओ से सिर्फ बैठक में अफसरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का आश्वासन मिला और साथ में मिली अपने खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने पर एफआईआर की सूचना, जिसे सीईओ ने गुरूवार को ही कोतवाली थाने में दर्ज करा दी थी। सीईओ के चेंबर में कांग्रेसी आपस में ही भिड़ गए थे, जिसे लेकर भी कांग्रेस की जमकर किरकिरी हुई। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष नवाज खान ने कहा कि सीईओ अब एफआईआर में आगेे कार्रवाई नहीं कराएंगे, ऐसा अफसरों ने आश्वासन दिया है।

गुरूवार को सामान्य सभा की बैठक और फिर सीईओ से हुए विवाद के बाद कांग्रेस के जिला पंचायत सदस्यों ने रात में किराए से गद्दे तकिया मंगाया और पूरी रात जिला पंचायत के मुख्य द्वार में ही काटा। कांग्रेसी सदस्यों की मांग थी कि सीईओ और कलक्टर को मौके पर पहुंचकर उनकी बात सुननी चाहिए और सीईओ को अपने द्वारा कहे शब्दों के लिए माफी मांगनी चाहिए। हालांकि एसडीएम और पुलिस के अफसर कांग्रेसियों को मनाने की कोशिश करते रहे लेकिन कांग्रेसियों ने पूरी रात मुख्य द्वार के पास ही बिताई।
सुबह से पुलिस का पहरा
जिला पंचायत के सामने शुक्रवार सुबह से गहमागहमी का माहौल रहा। पूरे परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात थी। जिला पंचायत में काम करने वाले कर्मचारियोंं और अफसरों को भी पुलिस की सुरक्षा जांच से होकर गुजरना पड़ा। इस बीच जिला पंचायत में कांग्रेसियों का जमावड़ा लगा रहा। कांग्रेस संगठन ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी बुला लिया था।

चारों विधायक, संगठन प्रमुख पहुंचे
कांग्रेस के चारों विधायक भोलाराम साहू, दलेश्वर साहू, गिरवर जंघेल और तेजकुंवर नेताम सहित जिला कांग्रेस अध्यक्ष नवाज खान, शहर कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी इस दौरान मौजूद रहे। प्रशासनिक और पुलिस के अफसरों से कांग्रेस अध्यक्ष खान ने बात की और इसके बाद सीईओ के आने की बात हुई।

सीईओ के सामने सब ठंडे
गुरूवार से लेकर शुक्रवार दोपहर तक सीईओ के खिलाफ बोलने वाले कांग्रेस के जिला पंचायत सदस्य सीईओ के सामने पहुंचकर ही शांत हो गए। सीईओ ने साफ कहा कि सदस्यों ने सामान्य सभा की बैठक का बहिष्कार कर दिया, जबकि वे उनकी बात सुनने वहां मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वे जब शासकीय कार्य से कलक्टर के पास जा रहे थे तो उनका रास्ता रोका गया। सीईओ ने कहा कि वे अब तक नहीं समझ पा रहे हैं कि उनका रास्ता क्यों रोकने की कोशिश की गई, जबकि उनके सबसे ठीक संबंध हैं। सबकी समस्याएं सुनते हैं। हर समय जिला पंचायत में मौजूद रहते हैं। सबका काम करते हंै। इसके बाद सदस्यों ने यहां तक कहा कि हमें आपसे कोई समस्या नहीं। सीईओ ने स्वीकार किया कि उन्होंने नामजद एफआईआर कराई है, क्योंकि सदस्यों ने उन्हें रोककर कानून तोडऩे का काम किया है।

आपसी झगड़ा और अनुशासनहीनता से हुई किरकिरी
सीईओ से चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष खान बात कर रहे थे, लेकिन इसी दौरान शहर कांग्रेस के महामंत्री हेमंत ओस्तवाल ने कहा कि मूल मुद्दे पर बात नहीं हो रही है। सीईओ साहब से एफआईआर को लेकर पूछा जाए, उनसे लिखित में कार्रवाई न करने का आश्वासन लिया जाए लेकिन इस बात पर जिला और शहर कांग्रेस अध्यक्ष ओस्तवाल पर भड़क गए। इस दौरान करीब १०-१५ मिनट तक कांग्रेसियों में आपस में बहस होती रही। कांग्रेस के नेताओं के इस झगड़े से कांग्रेस की किरकिरी भी खूब हुई।

पत्रिका व्यू…
जनप्रतिनिधि और अफसर समझें अपनी जिम्मेदारी
सामान्य सभा में अफसरों के मौजूद नहीं रहने से नाराज कांग्रेसी सदस्यों ने बाहर धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया लेकिन बाद में सीईओ से उनकी झड़प हो गई अ और धरने ने बड़ा रूप ले लिया। इस बीच सदस्यों से कलक्टर के पास जाकर अपनी बात रखने का आग्रह अफसरों ने किया लेकिन सदस्यों ने इसे इगो का प्रश्र बना लिया और कलक्टर को बुलाने की जिद करने लगे। हालांकि कलक्टर नहीं पहुंचे और सदस्यों को पूरी रात जिला पंचायत के गेट पर काटनी पड़ी। दूसरे दिन भी कांग्रेसियों को कुछ हासिल नहीं हुआ। इस पूरे घटनाक्रम में आखिरकार अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद और पूर्ण बहुमत रखने वाली कांग्रेस की ही किरकिरी हुई। दूसरी ओर अफसरों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। पंचायती राज संगठन की विशेषता है कि यहां चुने हुए जनप्रतिनिधि और शासकीय अफसर एक साथ मिलकर जनता से जुड़े मुद्दों पर काम करते हैं, ऐसे में वे भी निर्वाचित प्रतिनिधियों की अवहेलना न करें। ऐसा होने पर दूरस्थ गांव तक जुड़ी यह संस्था आपसी लड़ाई में उलझी रहेगी और जनता के मुद्दे गौण हो जाएंगे।

इनके खिलाफ एफआईआर
सीईओ चंदन कुमार की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने जिला पंचायत अध्यक्ष चित्रलेखा वर्मा, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र दास वैष्णव, जिला पंचायत सदस्य खगेश ठाकुर, यशोदा वर्मा, भुनेश्वर बघेल, क्रांति बंजारे, सोनूराम साहू, मुरली वर्मा, महेन्द्र यादव, सोमेश्वर वर्मा, रामछत्री बाई चंद्रवंशी, छन्नी साहू, कमला देवी पिस्दा, कविता राणा, अलका श्रीवास्तव के अलावा डोंगरगांव जनपद पंचायत की अध्यक्ष प्रीति भेलस साहू और मानपुर जनपद की अध्यक्ष सुखम बाई के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने, रास्ता रोकने के मामले में धारा १४७, १८६ और ३४१ के तहत अपराध कायम किया है।

हमने विवाद का निपटारा किया: नवाज
कांग्रेस के अध्यक्ष नवाज खान ने पत्रिका से बात करते हुए कहा कि उनकी जानकारी में सदस्यों के धरने का मामला आने के बाद उन्होंने प्रशासन और जिला पंचायत के सदस्यों के बीच सामंजस्य बिठाने काम किया है। चूंकि सीईओ और सदस्य दोनों पंचायती राज संगठन के मुख्य अंग हैं, ऐसे में उनके बीच का तनाव काम मेें बाधा डालता। सीईओ के एफआईआर को लेकर सीईओ और कलक्टर से बात हुई है, उन्होंने इस पर आगे कोई कार्रवाई नहीं करने की बात की है।

सीईओ, जिला पंचायत चंदन कुमार ने कहा कि सदस्यों को सामान्य सभा का बहिष्कार करने के बजाए मुझसे बात करनी थी। अफसरों की गैरमौजूदगी को लेकर विभागीय प्रक्रिया के तहत कार्रवाई होती है। सदस्यों ने उनका रास्ता रोककर गलत किया था, इसलिए पुलिस में मामला दर्ज कराया है।

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