scriptशिवनाथ नदी पर बन रहे 2 करोड़ के रीटेनिंग वॉल में दरार, अफसर और ठेकेदार मिलकर जुटे लीपापोती करने में | Shivnath River retaining wall construction in Rajnandgaon | Patrika News

शिवनाथ नदी पर बन रहे 2 करोड़ के रीटेनिंग वॉल में दरार, अफसर और ठेकेदार मिलकर जुटे लीपापोती करने में

locationराजनंदगांवPublished: Feb 23, 2019 12:14:40 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

अफसर कार्यालय में बैठे कहते रह गए कि उसे तुड़वाकर फिर से बनवाया जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इधर अफसरों ने जुबान पलट दिया है। वे अब ठेकेदार के बचाव में उतर आए हैं।

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शिवनाथ नदी पर बन रहे 2 करोड़ के रीटेनिंग वॉल में दरार, अफसर और ठेकेदार मिलकर जुटे लीपापोती करने में

राजनांदगांव. शहर के वार्ड 49 मोहड़ में शिवनाथ नदी पर बनाए जा रहे रीटेनिंग वाल में आई दरार पर ठेकेदार ने ऊपर से सीमेंटीकरण करा इसमें मिट्टी फिलिंग भी करवा दी है। जानकारी होने के बाद भी जल संसाधन विभाग के अफसरों ने अब तक मौका मुआयना भी नहीं किया। अफसर कार्यालय में बैठे कहते रह गए कि उसे तुड़वाकर फिर से बनवाया जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इधर अफसरों ने जुबान पलट दिया है। वे अब ठेकेदार के बचाव में उतर आए हैं।
रीटेनिंग वाल बनाया
अफसरों का कहना है कि रिटेनिंग वाल में दरार नहीं आई है। जेसीबी की ठोकर से हल्का के्रेक आया था, उसे फिर से बनवाया जाएगा। ज्ञात हो कि मोहड़ बस्ती पानी से मिट्टी क्षरण (कटाव) को रोकने के उद्देश्य से जल संसाधन विभाग द्वारा बाढ़ नियंत्रण योजना के तहत नदी के बायीं ओर 2 करोड़ 99 लाख 52 हजार 720 रुपए की लागत से नदी में 440 मीटर लंबी रीटेनिंग वाल बनाया जा रहा है।
घाट भी बनाया जाएगा
बीच में ग्रामीणों की निस्तारी के लिए घाट भी बनाया जाएगा। निर्माण की गुणवत्ता पर गांव के किसान व ग्रामीणों ने शुरू से ही सवाल उठाए, लेकिन विभाग द्वारा किसी प्रकार कोई ध्यान नहीं दिया गया। यही कारण है कि ठेकेदार अपनी मनमानी चला रहा है। निर्माण कार्य का ठेका बिलासपुर के ठेकेदार अजय कुमार सिंग को दिया गया।
ेठेकेदा ने समेट लिया था सामान
१६ जनवरी २०१८ से शुरू किए कार्य को ९ महीने में अक्टूबर २०१८ तक पूरा करना था, लेकिन कार्य की गति बेहद धीमी होने के कारण पिछले सीजन में काम पूरा नहीं हुआ। बारिश होने के पहले ही ठेकेदार ने अपना सामान समेट लिया था। विभाग ने फिर से उसे मार्च २०१९ तक काम पूरा करने का लक्ष्य दिया है, लेकिन काम की गति अब भी जोर नहीं पकड़ पाई है।
ऐसे में मार्च तक निर्माण हो पाना संभव नहीं है। ठेकेदार समयावधि को बढ़ाने जान-बूझकर कम कर्मचारी और मजदूर रखकर काम करवा रहा है। इधर धीमी निर्माण पर भी संबंधित विभाग के अफसरों ने अब तक ठेकेदार को किसी प्रकार नोटिस या फटकार नहीं लगाई है। यही कारण है कि ठेकेदार निर्माण में अपनी मनमानी चला रहा है।
शिकायत की गई
अफसर ही कह रहे हैं कि उनके कर्मचारियों से मारपीट हो गई थी, इसलिए देरी हो रहा है। जबकि सच्चाई यह यह है कि ठेकेदार के कर्मचारी यहां रेत चोरी करते पकड़े गए थे। इस वजह से ग्रामीणों मजदूरों को फटकार लगाई थी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि निर्माण में गुणवत्ता दरकिनार है। शुरुआत में भी बेस को लेकर विभाग में शिकायत की गई थी, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया।
परेशानी न हो
दीवार की ऊंचाई व मोटाई भी मापदंड के अनुरूप नहीं बना रहा है। शिकायतों के बीच अफसर स्टीमेट की कॉपी दिखाने से भी बच रहे हैं। ईई जसं विभाग एमएल भलावी ने बताया कि वाल में क्रेक नहीं आया है। काम करते समय जेसीबी मशीन से ठोकर लगने के कारण थोड़ा सा क्रेक आया है। उसे फिर से बनवाया जाएगा। ताकि भविष्य में बड़ी परेशानी न हो।
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