अफसरों का कहना है कि रिटेनिंग वाल में दरार नहीं आई है। जेसीबी की ठोकर से हल्का के्रेक आया था, उसे फिर से बनवाया जाएगा। ज्ञात हो कि मोहड़ बस्ती पानी से मिट्टी क्षरण (कटाव) को रोकने के उद्देश्य से जल संसाधन विभाग द्वारा बाढ़ नियंत्रण योजना के तहत नदी के बायीं ओर 2 करोड़ 99 लाख 52 हजार 720 रुपए की लागत से नदी में 440 मीटर लंबी रीटेनिंग वाल बनाया जा रहा है।
बीच में ग्रामीणों की निस्तारी के लिए घाट भी बनाया जाएगा। निर्माण की गुणवत्ता पर गांव के किसान व ग्रामीणों ने शुरू से ही सवाल उठाए, लेकिन विभाग द्वारा किसी प्रकार कोई ध्यान नहीं दिया गया। यही कारण है कि ठेकेदार अपनी मनमानी चला रहा है। निर्माण कार्य का ठेका बिलासपुर के ठेकेदार अजय कुमार सिंग को दिया गया।
१६ जनवरी २०१८ से शुरू किए कार्य को ९ महीने में अक्टूबर २०१८ तक पूरा करना था, लेकिन कार्य की गति बेहद धीमी होने के कारण पिछले सीजन में काम पूरा नहीं हुआ। बारिश होने के पहले ही ठेकेदार ने अपना सामान समेट लिया था। विभाग ने फिर से उसे मार्च २०१९ तक काम पूरा करने का लक्ष्य दिया है, लेकिन काम की गति अब भी जोर नहीं पकड़ पाई है।
अफसर ही कह रहे हैं कि उनके कर्मचारियों से मारपीट हो गई थी, इसलिए देरी हो रहा है। जबकि सच्चाई यह यह है कि ठेकेदार के कर्मचारी यहां रेत चोरी करते पकड़े गए थे। इस वजह से ग्रामीणों मजदूरों को फटकार लगाई थी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि निर्माण में गुणवत्ता दरकिनार है। शुरुआत में भी बेस को लेकर विभाग में शिकायत की गई थी, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया।
दीवार की ऊंचाई व मोटाई भी मापदंड के अनुरूप नहीं बना रहा है। शिकायतों के बीच अफसर स्टीमेट की कॉपी दिखाने से भी बच रहे हैं। ईई जसं विभाग एमएल भलावी ने बताया कि वाल में क्रेक नहीं आया है। काम करते समय जेसीबी मशीन से ठोकर लगने के कारण थोड़ा सा क्रेक आया है। उसे फिर से बनवाया जाएगा। ताकि भविष्य में बड़ी परेशानी न हो।