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गांव में टायलेट बनवाकर सरपंच बन गया इतना कर्जदार कि मांगी इच्छा मृत्यु, पढ़ें खबर

locationराजनंदगांवPublished: Aug 27, 2017 11:53:00 pm

शौचालय निर्माण के बाद शासन की ओर से राशि स्वीकृत नहीं होने से आर्थिक रूप से परेशान सरपंच इच्छा मृत्यु मांगने की तैयारी में है।

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राजनांदगांव. जिले के छुईखदान ब्लाक के विचारपुर में शौचालय निर्माण के बाद शासन की ओर से राशि स्वीकृत नहीं होने से आर्थिक रूप से परेशान सरपंच इच्छा मृत्यु मांगने की तैयारी में है। इसके लिए उन्होंने आवेदन भी तैयार कर लिया है। वे सीईओ को आवेदन देने गए थे, लेकिन मुलाकात नहीं होने के कारण घर लौट आए। इसके बाद यह खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। ज्ञात हो कि सरपंच राशि के लिए जनपद का चक्कर लगाकर थक चुका है। अधिकारियों द्वारा इस संबंध में कुछ भी स्पष्ट जानकारी नहीं देने से वे मानसिक रूप से परेशान हैं। इस वजह से यह कदम उठाने की तैयारी में है।
पंचायत के 160 घरों में मनरेगा के अंतर्गत शौचालयों का निर्माण

पीडि़त विचारपुर के सरपंच राजेश जंघेल ने ‘पत्रिकाÓ से चर्चा करते हुए बताया कि उन्होंने अपने पंचायत के 160 घरों में मनरेगा के अंतर्गत शौचालयों का निर्माण किया है। इसके अलावा पंचायत में कई अन्य कार्य कराए गए हैं, लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भी शासन से राशि जारी नहीं हो रहा है। उन्होने बताया कि राशि के लिए जनपद पंचायत के अधिकारियों से कई बार जानकारी चाही गई लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं।
15 लाख तक व्यापारियों के पास उधारी
सरपंच जंघेल ने बताया कि घर-घर शौचालय निर्माण के लिए मटेरियल सप्लायरों व व्यापारियों के पास से लगभग 8 लाख की उधारी है। इसके अलावा पंचायत में हुए अन्य कार्यों का भी 5 लाख के आस-पास उधारी है। उन्होने बताया कि निर्माण कार्यों को पूरा हुए 5 से 6 माह का समय बीत गया है। बावजूद इसके राशि नहीं मिला है। सरपंच ने कहा कि जिन व्यापारियों से उधारी में मटेरियल लिया गया है वे पैसा के लिए लगातार तगादा कर रहे हैं।

सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग
छुईखदान ब्लाक के ग्राम विचारपुर के सरपंच राजेश जंघेल ने बताया कि मनरेगा के तहत पंचायत के 160 घरों में शौचालय का निर्माण पूरा कर लिया गया है। अधिकारियों ने इस कार्य के लिए दूसरे मद की राशि का उपयोग करने की बात कही थी। दूसरे मद में भी राशि नहीं है। व्यापारियों से उधारी में मटेरियल खरीदकर कार्य कराया गया है, लेकिन शासन से राशि नहीं मिल रहा है। अब तो एक ही चारा बचा है या तो जमीन बेचे दे या सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग की जाए।
राशि रुकने के कारणों का पता लगाया जाएगा
सीईओ जिला पंचायत चंदन कुमार ने बताया कि शौचालय निर्माण का कुछ जगहों पर राशि अटकी हुई थी। राशि जारी हो रहा है। छुईखदान ब्लाक में इस तरह के मामले की जानकारी नहीं है। जल्द ही इसका पता लगाकर राशि रुकने के कारणों का पता लगाया जाएगा।
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