रेत की कीमत आसमान छू रही जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों का आवास निर्माण हो रहा है। निर्माण कार्य में रेत जरुरतमंद लोगों के पहुंच से बाहर हो रहा है। रेत की कीमत आसमान छू रही है। रेत का अवैध भंडारण करने वाले व्यवसायियों द्वारा मनमानी कीमत पर रेत बेची जा रही है। बावजूद इसके खनिज विभाग ऐसे लोगों पर नकेल कसने किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
गरीब आशियाना नहीं बना पा रहे रेत माफियाओं द्वारा शहर के आस पास सहित जिले भर में कई जगहों पर बिना परमिशन के ही अवैध रुप से रेट डंप कर रखा गया है। ऐसे लोग मौके का फायदा उठा कर मुहमांगी कीमत पर रेत को बेंच रहे हैं। बारिश के कारण नदी से रेत निकासी नहीं हो रही है। सप्लायर बारिश से पहले रेत डंप कर रखे थे। इन लोगों द्वारा मौके का फायदा उठाकर जरुरतमंदों को सरकारी दर से दो से तीन गुना दाम में बेचा जा रहा है। इस वजह से गरीब आशियाना नहीं बना पा रहे हैं।
किसी ने नहीं ली है भंडारण की अनुमति रेत भंडारण करने का परमिशन खनिज विभाग लेना पड़ता है, लेकिन सप्लायरोंं द्वारा बिना परमिशन के ही कई जगहों पर अवैध रुप से रेत डंप कर रखा गया है। विभाग को इसकी जानकारी होने के बाद भी ऐसे लोगों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। शहर सहित आस-पास क्षेत्र में रेत माफियाओं ने बिना परमिशन के कई जगहों पर रेत डंप कर रखा है। जरूरतमंद मजबूरी में अधिक कीमत में रेत खरीद रहे हैं। प्रशासन की ओर से सख्ती नहीं की जा रही है।
कार्रवाई की जाएगी
कलक्टर के आदेश का नहीं हो रहा पालन
रेत की मनमानी कीमत को देखते हुए तात्कालीन कलक्टर मुकेश बंसल ने रेत की कीमत निर्धारित की थी। जिसमें में 6 **** ट्रक में शहर वासियों को अधिकतम 2500 रूपए एवं हाईवा में 4500 रूपए में रेत उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। सप्लायर वर्तमान में 8000 से 10,000 प्रति ट्रक उपभोक्ताओं को रेत उपलब्ध करा रहे हैं। सप्लायर निर्देशों का पालन करने के बजाय चांदी कांट रहे हैं।
सरकारी कीमत नए सिरे से तय करेंगे कलक्टर भीम सिंह ने बताया कि अवैध रुप से रेत भंडारण के खिलाफ जब्ती कार्रवाई की जाएगी। रेत की सरकारी कीमत नए सिरे से तय करेंगे। अधिक कीमत पर रेत बेचने वालों पर कार्रवाई होगी।