जाने क्या था ग्राम पंचायत धोधा का मामला
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायत धोधा में 174 परिवारों के शौचालय निर्माण का काम होना था। जानकारी के अनुसार 30 शौचालय निरस्त हो गया था बाकी के 144 परिवारों के घर पर शौचालय निर्माण का कार्य कराया गया। इन 144 परिवारों में से 21 परिवारों द्वारा स्वयं की राशि से शौचालय निर्माण किया गया। 4 परिवारों को शौचालय निर्माण मटेरियल राशि 9100 में से चार-चार हजार दिया गया था। 17 परिवारों को राशि भुगतान ही नही किया गया। स्वीकृत परिवारों में से 700 नग ईंट, 2 बोरी सीमेंट, 20 धमेला रेत, 6 धमेला गिट्टी एवं 1 नग दरवाजे का वितरण किया गया है। गांव के 8 शौचालय अपूर्ण है जिसमें हितग्राहियों ने सेप्टिक टैंक बनाकर अपूर्ण रखा है। बाकी बचे शौचालयों में भी राशि भुगतान में अनियमितता को लेकर ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया था और लगातार शिकायत पे शिकायत विभिन्न जिम्मेदार अधिकारियों को करने लगे थे। लोक सुराज, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, जिला कलक्टर, एसडीएम, तहसीलदार एवं अन्यो को इस संबंध में कई दफे ग्रामीणों द्वारा लगातार शिकायत लिखित तौर पर किया गया था जिसके चलते ग्राम में विभिन्न अधिकारियों एवं टीम द्वारा कई दफे जांच भी किया गया था जिसमें ग्रामीणों ने सभी सच्चाई की पोल खोल कर रख दिया था। इसके बाद भी ग्राम पंचायत के सरपंच गिरधर ठाकुर पर समुचित कार्रवाई नही किया जा सका था जिस पर ग्रामीणों ने जिला पंचायत में पुन: सभी दस्तावेजों के साथ शिकायत किया जिस पर जांच का आदेश गंडई के अनुविभागीय अधिकारी हेमंत मत्स्यपाल को दिया गया था।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायत धोधा में 174 परिवारों के शौचालय निर्माण का काम होना था। जानकारी के अनुसार 30 शौचालय निरस्त हो गया था बाकी के 144 परिवारों के घर पर शौचालय निर्माण का कार्य कराया गया। इन 144 परिवारों में से 21 परिवारों द्वारा स्वयं की राशि से शौचालय निर्माण किया गया। 4 परिवारों को शौचालय निर्माण मटेरियल राशि 9100 में से चार-चार हजार दिया गया था। 17 परिवारों को राशि भुगतान ही नही किया गया। स्वीकृत परिवारों में से 700 नग ईंट, 2 बोरी सीमेंट, 20 धमेला रेत, 6 धमेला गिट्टी एवं 1 नग दरवाजे का वितरण किया गया है। गांव के 8 शौचालय अपूर्ण है जिसमें हितग्राहियों ने सेप्टिक टैंक बनाकर अपूर्ण रखा है। बाकी बचे शौचालयों में भी राशि भुगतान में अनियमितता को लेकर ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया था और लगातार शिकायत पे शिकायत विभिन्न जिम्मेदार अधिकारियों को करने लगे थे। लोक सुराज, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, जिला कलक्टर, एसडीएम, तहसीलदार एवं अन्यो को इस संबंध में कई दफे ग्रामीणों द्वारा लगातार शिकायत लिखित तौर पर किया गया था जिसके चलते ग्राम में विभिन्न अधिकारियों एवं टीम द्वारा कई दफे जांच भी किया गया था जिसमें ग्रामीणों ने सभी सच्चाई की पोल खोल कर रख दिया था। इसके बाद भी ग्राम पंचायत के सरपंच गिरधर ठाकुर पर समुचित कार्रवाई नही किया जा सका था जिस पर ग्रामीणों ने जिला पंचायत में पुन: सभी दस्तावेजों के साथ शिकायत किया जिस पर जांच का आदेश गंडई के अनुविभागीय अधिकारी हेमंत मत्स्यपाल को दिया गया था।
दर्जनों पेशी के बाद अंतत: सरपंच पर हुई कार्रवाई
जांच का आदेश एसडीएम को मिलने के बाद पेशी का दौर चालू हुआ। शिकायत करने वाले ग्रामीण और सरपंच, सचिव को दर्जनों बार तारीख पे तारीख देते हुए पेशी पर बुलाया गया। इस कार्य से ग्रामीणों की परेशानी भी बढ़ी थी क्योंकि ग्रामीण अपने सभी कामों को छोड़कर लगातार इन पेशियों में जाते रहे थे, कि आज नही तो कल न्याय मिलेगा और अंतत: न्याय मिला भी। सभी बिंदुओ पर जांच के बाद एसडीएम हेमंत मत्स्यपाल ने 6 मई 2019 को आदेश जारी कर ही दिया कि जनपद पंचायत छुईखदान को पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 40(1) के तहत अवचार प्रमाणित होने से गिरधर ठाकुर सरपंच ग्राम पंचायत धोधा को दोषी मानते हुए पदमुक्त किया जाकर कार्यालय को अवगत कराएं। जिस पर जनपद पंचायत छुईखदान से भी ग्राम पंचायत धोधा को आदेश जारी हुआ की गिरधर ठाकुर सरपंच धोधा को पदमुक्त कर सरपंच का प्रभार उपसरपंच रामाधार वर्मा को दिया जाए। इस आदेश की अवहेलना करते हुए बहाना बनाते हुए 1 हफ्ते से ज्यादा समय बिता दिया जिसके बाद पुरे मामले से सचिव ने लिखित रूप से जनपद को अवगत कराया था कि सरपंच का प्रभार दिलाने जनपद से अधिकारी या कर्मचारियों को भेजा जाए।
जांच का आदेश एसडीएम को मिलने के बाद पेशी का दौर चालू हुआ। शिकायत करने वाले ग्रामीण और सरपंच, सचिव को दर्जनों बार तारीख पे तारीख देते हुए पेशी पर बुलाया गया। इस कार्य से ग्रामीणों की परेशानी भी बढ़ी थी क्योंकि ग्रामीण अपने सभी कामों को छोड़कर लगातार इन पेशियों में जाते रहे थे, कि आज नही तो कल न्याय मिलेगा और अंतत: न्याय मिला भी। सभी बिंदुओ पर जांच के बाद एसडीएम हेमंत मत्स्यपाल ने 6 मई 2019 को आदेश जारी कर ही दिया कि जनपद पंचायत छुईखदान को पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 40(1) के तहत अवचार प्रमाणित होने से गिरधर ठाकुर सरपंच ग्राम पंचायत धोधा को दोषी मानते हुए पदमुक्त किया जाकर कार्यालय को अवगत कराएं। जिस पर जनपद पंचायत छुईखदान से भी ग्राम पंचायत धोधा को आदेश जारी हुआ की गिरधर ठाकुर सरपंच धोधा को पदमुक्त कर सरपंच का प्रभार उपसरपंच रामाधार वर्मा को दिया जाए। इस आदेश की अवहेलना करते हुए बहाना बनाते हुए 1 हफ्ते से ज्यादा समय बिता दिया जिसके बाद पुरे मामले से सचिव ने लिखित रूप से जनपद को अवगत कराया था कि सरपंच का प्रभार दिलाने जनपद से अधिकारी या कर्मचारियों को भेजा जाए।
इस प्रकार दिलाया गया सरपंच का प्रभार
जनपद पंचायत छुईखदान से आए अशोक कुमार कोसरे सहायक करारोपण अधिकारी ने जब पंचायत के पदाधिकारियों और सरपंच को ग्राम पंचायत में बुलाकर सरपंच पद का प्रभार उपसरपंच को देने की बात कही तो सरपंच गिरधर ठाकुर ने बार-बार आनाकानी करते बहाना बनाना चालू कर दिया और सरपंच का प्रभार देने से इंकार कर दिया। जिसके बाद सहायक करारोपण अधिकारी ने मजबूर होकर सरपंच पद का एकतरफा प्रभार उपसरपंच रामाधर वर्मा को दिलाया।
जनपद पंचायत छुईखदान से आए अशोक कुमार कोसरे सहायक करारोपण अधिकारी ने जब पंचायत के पदाधिकारियों और सरपंच को ग्राम पंचायत में बुलाकर सरपंच पद का प्रभार उपसरपंच को देने की बात कही तो सरपंच गिरधर ठाकुर ने बार-बार आनाकानी करते बहाना बनाना चालू कर दिया और सरपंच का प्रभार देने से इंकार कर दिया। जिसके बाद सहायक करारोपण अधिकारी ने मजबूर होकर सरपंच पद का एकतरफा प्रभार उपसरपंच रामाधर वर्मा को दिलाया।
ग्रामीणों ने पटाखे फोड़ कर मनाई खुशियां
उपसरपंच रामाधार वर्मा को सरपंच पद का प्रभार दिलाए जाने से पंचायत के प्रभारियों सहित ग्रामीणों में हर्ष देखा गया। पंचायत भवन के बाहर फटाखे फोड़े गए। उपसरपंच को तिलक लगाया गया हाथ मिलाकर बधाई दिया गया और इस प्रकार सरपंच पद का प्रभार उपसरपंच रामाधार वर्मा को दिलाया गया।
उपसरपंच रामाधार वर्मा को सरपंच पद का प्रभार दिलाए जाने से पंचायत के प्रभारियों सहित ग्रामीणों में हर्ष देखा गया। पंचायत भवन के बाहर फटाखे फोड़े गए। उपसरपंच को तिलक लगाया गया हाथ मिलाकर बधाई दिया गया और इस प्रकार सरपंच पद का प्रभार उपसरपंच रामाधार वर्मा को दिलाया गया।
ग्राम के सचिव पर भी हो कार्रवाई
एसडीएम मतस्यपाल ने धारा 40 के तहत सरपंच को बर्खास्त तो किया गया लेकिन हितग्राही के शौचालय निर्माण के दौरान बिल भुगतान अकेला सरपंच नहीं करता बल्कि ग्राम के सचिव का भी हस्ताक्षर होता है। यहां पदस्थ सचिव मनहरण सेन ने भी अनियमितता बरती होगी। जांच जरुरी है। जिसमें कई रोचक बात भी सामने आएंगे।
एसडीएम मतस्यपाल ने धारा 40 के तहत सरपंच को बर्खास्त तो किया गया लेकिन हितग्राही के शौचालय निर्माण के दौरान बिल भुगतान अकेला सरपंच नहीं करता बल्कि ग्राम के सचिव का भी हस्ताक्षर होता है। यहां पदस्थ सचिव मनहरण सेन ने भी अनियमितता बरती होगी। जांच जरुरी है। जिसमें कई रोचक बात भी सामने आएंगे।
क्या कहते हैं अधिकारी
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गंडई, हेमंत मतस्यपाल ने कहा कि धोधा के सरपंच को शौचालय निर्माण और भुगतान में भारी अनियमित्ता बरती गई थी। पंचायती राज की धारा 40 के तहत सरपंच गिरधर ठाकुर को एक सप्ताह पहले बर्खास्त किया गया है। आगे की कार्रवाई जारी है।
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गंडई, हेमंत मतस्यपाल ने कहा कि धोधा के सरपंच को शौचालय निर्माण और भुगतान में भारी अनियमित्ता बरती गई थी। पंचायती राज की धारा 40 के तहत सरपंच गिरधर ठाकुर को एक सप्ताह पहले बर्खास्त किया गया है। आगे की कार्रवाई जारी है।
सचिव ग्राम धोधा, मनहरण सेन ने कहा कि शौचालय निर्माण की राशि वेंडर के खाते में जाते है और सरपंच सप्लायर से हितग्राही को लाभान्वित करते है। इस कार्य में सरपंच की प्रमुख भागीदारी रहता है। हमारी कोई जवाबदारी नहीं है।