मोटर साइकिल में थे तीन लोग सवार
प्रत्यक्षदर्शी सुदेश मेश्राम, सुरेश कोटांगले ने बताया कि टक्कर इतनी जोर से हुई कि आसपास में कार्य कर रहे मजदूर दौड़ पड़े तो, हाल बुरा था, मोटरसायकल में तीन लोग सवार थे कमल ढीमर 24 वर्ष पिता मोनी ढीमर, पप्पु ढीमर 35 वर्षीय पिता रमेश ढीमर, सतीश यादव 35 वर्ष पिता मनराखन यादव लोग सवार थे जिसमें एक का दायां पैर घुटने के ऊपर से टूट गया तथा दूसरे के हाथ में चोट आई तथा तीसरे को दाहिने पैर में चोट आई है, तीनों घायल युवकों को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल राजनांदगांव भेज दिया गया है।
प्रत्यक्षदर्शी सुदेश मेश्राम, सुरेश कोटांगले ने बताया कि टक्कर इतनी जोर से हुई कि आसपास में कार्य कर रहे मजदूर दौड़ पड़े तो, हाल बुरा था, मोटरसायकल में तीन लोग सवार थे कमल ढीमर 24 वर्ष पिता मोनी ढीमर, पप्पु ढीमर 35 वर्षीय पिता रमेश ढीमर, सतीश यादव 35 वर्ष पिता मनराखन यादव लोग सवार थे जिसमें एक का दायां पैर घुटने के ऊपर से टूट गया तथा दूसरे के हाथ में चोट आई तथा तीसरे को दाहिने पैर में चोट आई है, तीनों घायल युवकों को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल राजनांदगांव भेज दिया गया है।
करबला चौक भी बना दुर्घटना पाइंट
अछोली जाने के मार्ग पर करबला चौक जहां से एक ओर इंदिरानगर तथा दूसरी ओर टिकरापारा के लिए मुड़ते है दोनों ओर की सड़के मुख्यमार्ग से इतनी नीचे है कि वहां से आ रहे वाहन सड़क के दोनो ओर दिखाई नही देते और यही दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण है। पुराना अछोली जाने वाली कमोबेस यही हाल है। यह भी डेंजर पाइंट बनते जा रहा है, इंडेेन गैस के समीप मुख्य मार्ग में सेंटपीटर स्कूल के बच्चों की छुट्टी होती है दूसरी ओर केन्द्रीय विद्यालय के बच्चे भी इसी ओर आते है। बुढ़ादेव पहाडी के पास ढालान व मोड होने के कारण यह भी दुर्घटना पाइंट बन गया है। इसलिए यहां भी सर्तकता की आवश्यकता है। यदि जल्द ही इस दिशा में ध्यान नही दिया गया तो फिर दिनोदिन दुर्घटनाएं बढेंगी। चक्काजाम के बाद मार्ग में ब्रेकर के लिए जिला यातायात समिती पीडब्ल्यूडी से पहल कि गई थी। पालिसी के अनुसार यह एडीबी की सड़क है इसमें ब्रेकर नही बनाये जा सकते फिर भी हम प्रयास कर रहे है कि अस्थाई ब्रेकर के माध्यम से व्यवस्था सुधरे।
अछोली जाने के मार्ग पर करबला चौक जहां से एक ओर इंदिरानगर तथा दूसरी ओर टिकरापारा के लिए मुड़ते है दोनों ओर की सड़के मुख्यमार्ग से इतनी नीचे है कि वहां से आ रहे वाहन सड़क के दोनो ओर दिखाई नही देते और यही दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण है। पुराना अछोली जाने वाली कमोबेस यही हाल है। यह भी डेंजर पाइंट बनते जा रहा है, इंडेेन गैस के समीप मुख्य मार्ग में सेंटपीटर स्कूल के बच्चों की छुट्टी होती है दूसरी ओर केन्द्रीय विद्यालय के बच्चे भी इसी ओर आते है। बुढ़ादेव पहाडी के पास ढालान व मोड होने के कारण यह भी दुर्घटना पाइंट बन गया है। इसलिए यहां भी सर्तकता की आवश्यकता है। यदि जल्द ही इस दिशा में ध्यान नही दिया गया तो फिर दिनोदिन दुर्घटनाएं बढेंगी। चक्काजाम के बाद मार्ग में ब्रेकर के लिए जिला यातायात समिती पीडब्ल्यूडी से पहल कि गई थी। पालिसी के अनुसार यह एडीबी की सड़क है इसमें ब्रेकर नही बनाये जा सकते फिर भी हम प्रयास कर रहे है कि अस्थाई ब्रेकर के माध्यम से व्यवस्था सुधरे।