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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शांति की सोच के कायल हुए पीएम मोदी, ताली बजाकर कहा All The Best

locationराजनंदगांवPublished: Sep 12, 2018 10:32:55 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

छत्तीसगढ़ में बच्चों की रक्षा के लिए रखे जाने वाले कमरछठ व्रत को पोषण अभियान से जोडऩे के लिए राजनांदगांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं मितानिनों की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शांति की सोच के कायल हुए पीएम मोदी, ताली बजाकर कहा All The Best

राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ में बच्चों की रक्षा के लिए रखे जाने वाले कमरछठ व्रत को पोषण अभियान से जोडऩे के लिए राजनांदगांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं मितानिनों की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। उन्होंने इस संबंध में उपरवाह की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शांति साहू के अनुभव सुने और ताली बजाकर उनकी हौसला अफजाई की।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए सुना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग में कहा कि बरसों पहले तिलक ने गणेशोत्सव के माध्यम से त्योहारों के माध्यम से जन जागरूकता को बढ़ावा देने की पहल की थी। आज तिलक की आत्मा जहां कहीं भी होगी, वहां से आपको आशीर्वाद दे रही होगी।
कमरछठ व्रत के बारे में बताया
शांति ने प्रधानमंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में कमरछठ का व्रत माताएं अपने संतान के दीर्घ और सुखद जीवन की कामना के लिए करती हैं। हमने कमरछठ के मौके पर ही महिलाओं को एक ऐसी थाली के बारे में बताया जिसमें विविध प्रकार के पौष्टिक तत्व मौजूद हैं।
इसके माध्यम से हमने यह बताया कि हमारे पूर्वज इस व्रत के माध्यम से आपको यह बताते हैं कि किस प्रकार विविध तरह का खानपान, पौष्टिक भोजन आपके संतान को आरोग्य प्रदान करता है। यह पहल माताओं को बहुत अच्छी लगी और उन्होंने यह संदेश अपना लिया।
प्रधानमंत्री ने दूसरी बार पुन: किया जिक्र
कमरछठ का पोषण संबंधी प्रयोग प्रधानमंत्री को बहुत पसंद आया। पहली बार राजनांदगांव जिले की कार्यकर्ता से बात करने पर उन्होंने इसकी प्रशंसा तो की ही, मध्यप्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से बातचीत करने के बाद भी पुन: उन्होंने कमरछठ का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पर्वों में एक समृद्ध जीवन शैली की झलक होती है। इसमें खानपान की विविधता भी होती है। इसे सुपोषण से जोडऩे की पहल बहुत अच्छी है।
तालियां सुनकर खुशी से झूम उठी महिलाएं
शांति ने बताया कि उन्हें तथा सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मितानिन दीदियों के लिए आज बहुत गौरव का क्षण है। प्रधानमंत्री ने हमारे कार्यों को सराहा है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि देश के प्रधानमंत्री से बात करूंगी। प्रधानमंत्री ने न केवल हमारी बात सुनीं अपितु तालियां बजाकर हमारा उत्साहवर्धन भी किया। हम पूरे उत्साह से कुपोषण मुक्ति के कार्य करते रहेंगे।
पोषण रक्षा सूत्र
शांति ने प्रधानमंत्री को बताया कि उनके यहां रक्षाबंधन त्योहार पोषण रक्षा सूत्र की तरह मनाया गया। हमने रक्षा सूत्र बांधकर बच्चों को पोषाहार खिलाने का संकल्प दिलाया। इसके साथ ही नियमित गृहभेंट के माध्यम से भी कुपोषित बच्चों पर नजर रखी और इनके डाइट के संबंध में घरवालों को बताया। इसका अच्छा लाभ हुआ और 10 बच्चे कुपोषण के दायरे से बाहर आ गए।
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