scriptडिफॉल्टर्स को दो लाख, खाता मैंटेन रखने वाले किसानों को 50 हजार | Two lakhs of defaulters, account holders 50 thousand | Patrika News

डिफॉल्टर्स को दो लाख, खाता मैंटेन रखने वाले किसानों को 50 हजार

locationराजगढ़Published: Feb 21, 2019 11:20:07 pm

Submitted by:

Praveen tamrakar

वैरिफिकेशन और जांच के साथ ही जय किसान ऋण माफी योजना में वित्त विभाग ने एक नया दायरा निर्धारित किया है

patrika news

Beaua. Farmers are reaching everybody looking at the list of farmers from outside the old branch of SBI.

ब्यावरा. तमाम तरह के वैरिफिकेशन और जांच के साथ ही जय किसान ऋण माफी योजना में वित्त विभाग ने एक नया दायरा निर्धारित किया है। इसके तहत दो लाख तक के कर्ज को दो शिफ्ट में माफ किया जाना है। साथ ही 22 फरवरी से वितरित होने वाली ऋण माफी की तारीख भी अब बढ़ाकर 25 कर दी गई है।

दरअसल, शासन द्वारा पहले चरण में एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) और पीए (परफॉर्मिंग एसेट) वाले किसानों की ऋण माफी होगी। इसमें एनपीए वाले डिफॉल्टर्स किसानों के दो लाख तक सीधे माफ हो जाएंगे। वहीं, ऐसे किसान जिन्होंने अपना खाता मैंटेन (एपी) रखा उनके 50 हजार तक ही माफ हो पाएंगे। इसके बाद बचे हुए किसानों की ऋण माफी सुनिश्चित करेंगे। इसमें शासन का मानना है कि एनपीए धारक अपनी गरीबी से डिफॉल्टर हुआ है। यानी वह सक्षम नहीं था रुपए चुकाने में इसीलिए वह कर्जदार हो गया। वहीं, दूसरी ओर ये सवाल भी उठ रहे हैं कि वे किसान जिन्होंने तमाम बैंकिंग नियमों का पालन कर खाते को परफॉर्मिंग एसेट में रखा उन्हें लाभ कम मिल रहा। फिलहाल 25 फरवरी के बाद ही यह राशि डलना शुरू होगी, लेकिन उन्हीं किसानों की राशि डलेगी जिनके आवेदन प्रदेश स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी में वैरिफाई हुए हैं।

डेढ़ लाख में से 4500 आवेदन वैरिफाई
जिला स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी और पोर्टल पर अपलोड होने के बाद तमाम दावे-आपत्तियों की जांच के लिए प्रदेश स्तरीय कमेटी भी इन्हें वैरिफाई कर रही है। जिले के करीब डेढ़ लाख आवेदनों में से महज 4500 ही अभी तक वैरिफाई हो पाए हैं। हालांकि अन्य जिलों की भी ऐसी ही स्थिति है। फिलहाल राजगढ़ जिला प्रदेश में 17वें स्थान पर है, इसमें लगातार वैरिफकेशन का आंकड़ा बढ़ रहा है। फिर भी माना जा रहा है कि रफ्तार धीमी है।

कहीं लोकसभा चुनाव तक ऐसे ही न टाल दें!
10 दिन के भीतर ऋण माफी की प्रक्रिया भले ही राज्य शासन ने अपने वादे के मुताबिक शुरू कर दी हो लेकिन माना जा रहा है कि हर दिन हो रही लेटलतीफी और नए-नए नियम इसकी मुश्किलें न बढ़ा दे। यानी आगामी लोकसभा तक कहीं ऐसे ही प्रशासनिक प्रक्रिया में यह उलझी न रहे। संभावना यह भी जताई जा रही है कि चुनाव के बाद इसे होल्ड कर दिया जाए, लेकिन चुनाव को लेकर मौजूद सरकार भी गंभीर है, ऐसे में बाकी योजनाओं की तर्ज पर इसे भी पूरा करना ही होगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो