इस हड़ताल से सीधा प्रभाव आमजनों को पडऩे वाला है। क्योंकि अधिकांश काम लिपिक के माध्यम से ही अधिकारियों तक पहुंचते है। हड़ताल के साथ ही कलेक्ट्रेट हो या अन्य स्थानों पर लगने वाले कार्यालय सूने पड़े है और लोग अपने काम के लिए यहां वहां भटक रहे है।
पिछले समय कर्मचारियों की हड़ताल के बाद 29 मई को केबिनेट में 46 संवर्गों की ग्रेड पे बढ़ाने का निर्णय लिया था, लेकिन इस निर्णय पर ज्यादा अमल नहीं दिखा। यही नहीं चाहे छठें वेतनमान की बात हो या कर्मचारियों से जुड़े अन्य समस्याएं। किसी भी मामले में कर्मचारियों को आश्वासन ज्यादा मिले। केबिनेट की बैठक के बाद रमेशचंद्र शर्मा समिति केवल लिपिकों के लिए गठित की गई थी। उसकी सिफारिसों पर भी कोई काम नहीं हुआ।
उग्र होगा आंदोलन: हड़ताल की शुरुआत भले ही धीमी हुई हो, लेकिन कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि जैसे-जैसे समय बढ़ेगा और मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो कर्मचारी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तेज करेंगे।
परेशान हुए लोग
हड़ताल के पहले दिन भले ही सुबह से बारिश हो रही हो, लेकिन विभिन्न कार्यालयों से जुड़े कर्मचारी कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर स्थित मंदिर पहुंचे और वहां बैठकर प्रदर्शन किया। साथ ही चेतावनी दी कि जब तक मांगे पूरी नहीं होती तब तक उनकी यह हड़ताल जारी रहेगी। सभी लिपिक हड़ताल में शामिल हो जाने से कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा और लोग अपने काम के लिए परेशान होते रहे।
पटवारी, सहायक शिक्षक, ग्राम सेवक, पशु चिकित्सा क्षेत्र सहायक, एमपीडब्ल्यू ये सब लिपिक से कम वेतन पर थे। बाद में इनका वेतन बराबर किया और अब आगे बढ़ा दिया। जिस गति से अन्य कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया जा रहा है उस गति में लिपिक काफी पीछे है। ऐसे में अब यह हड़ताल आरपार की होगी।
– जितेन्द्र श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष लिपिकवर्गीय कर्मचारी संघ राजगढ़
– जितेन्द्र श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष लिपिकवर्गीय कर्मचारी संघ राजगढ़