उक्त तमाम गांवों का संपर्क दूधी नदी में पानी बढ़ जाने से टूट गया है। अब लोग पांच किमी के फेर से माधोपुरा होकर रोड तक पहुंच रहे हैं, तब जाकर ब्यावरा आ पा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जिस बहुप्रतीक्षित मोहनपुरा परियोजना का शुभारंभ बीते दिनों पीएम मोदी ने किया उसकी हकीकत यह है कि अफसरों ने कई लोगों को मुआवजे से वंचित रखा। जल संसाधन विभाग का मुआवजा कागजों से बाहर नहीं निकल पाया। कई गांव के लोग इससे अभी भी वंचित है। ऐसे में हर दिन उनकी परेशानी को समझने वाला कोईनहीं है।चुनावी प्रचार-प्रसार और वीवी-पेट को समझाने में लगा जिला प्रशासन भी इनके दर्द को नहीं समझ पा रहा है।
दो दिन से लगातार हो रही बारिश के बाद रविवार को भी फुहारों का दौर जारी रहा। हालांकि तेज बारिश नहीं हुई, जिलेभर में दिनभर बूंदाबांदी और फुहारों वाली बारिश हुई। लगातार बारिश से तापमान में गिरावट आई और फिजा में ठंडक घुल गई। शनिवार-रविवार तक जिलेभर में करीब 44 एमएम औसत बारिश दर्ज की गई। अभी तक की औसत बारिश ने भले ही पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया हो, लेकिन जिले के लिए यह नाकाफी है। अभी भी जिले के तमाम जल स्रोतों और भूमिगत जलस्तर के लिए और बारिश की जरूरत है। मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल बूंदाबांदी का दौर जारी रहेगा। आगामी तीन दिन में बारिश की स्थिति सामान्य और कमजोर होने के आसार हैं।
तेज हवा से आड़ी पड़ी फसलें
ब्यावरकलां. बारिश के कारण आम जनजीवन के साथ ही फसलों को अब नुकसान की संभावना बन रही है। शनिवार रात चली तेज हवाओं के कारणब्यावरा कला सहित आस-पास के गांवों में मक्का की फसल आड़ी पड़ गई। पककर तैयार होने की स्थिति में पहुंची मक्का के आड़ी पड़ जाने से नुकसान होने की पूर गुंजाइश है। वहीं, मौसम नहीं खुल पाने से भी फसलों को गति नहीं मिल पा रही। लगातार बारिश से सोयाबीन सहित अन्य खरीफकी महत्वपूर्ण फसलों के गलने की भी संभावना है।
मुआवजे के प्रकरणबनकर तैयार हैं, हमने जल संसाधन विभाग से बात की है। बचे हुए तमाम पेंडिंग मामलों को जल्द से जल्द निपटाया जाएगा।
-प्रदीप सोनी, एसडीएम, ब्यावरा