भोपाल जीआरपी थाने में पिछले दिनों एक बलात्कार का मामला दर्ज हुआ था। जिसमें आरोपी फरार थे। जीआरपी एडीजी खुद इस मामले की मानीटरिंग कर रहे थे। जैसे ही आरोपियों की लोकेशन की जानकारी लगी। उन्होंने आइजी भोपाल के साथ ही एसपी सिमाला प्रसाद को मामले की सूचना दी। जिसके बाद भोपाल जीआरपी के एडिशनल एसपी मनकामलेश्वर, एसडीओपी खिलचीपुर निशा रेड्डी, हबीबगंज टीआई हेमंत श्रीवास्तव की संंयुक्त टीम ने कार्रवाई की।
जिसमें उन्होंने लोकेशन के अनुसार भोजपुर से लेकर खिलचीपुर तक अलग-अलग टीम बनाई।
जिनमें एक टीम में टीआई हबीबगंज दूसरी टीम में माचलपुर थाना प्रभारी विरेन्द्र धाकड़ तीसरी टीम में एएसपी जीआरपी चौथी टीम में खुद एसडीओपी निशा रेड्डी मौजूद थी। भोजपुर रोड से पहले आरोपी की गिरफ्तारी हुई। जिसमें उन्होंने एक महिला जिसे वे बेचने के लिए लाए थे। उसे और एक आरोपियों की सहयोगी महिला के अलावा एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया। पूछताछ के बाद एक के बाद एक अलग-अलग स्थानों से सात लोगों को गिरफ्तार किया गया।
सवाल जिनके जवाब जरूरी
जब आरोपी सामने थे तो पुलिस पूरे समय तक उन आरोपियों के नाम क्यों छुपाती रही।
मामले में बड़ा गिरोह काम कर रहा है। कहीं किसी बड़े आदमी का नाम होने से तो पूरा मामला छुपाया गया।
नाम न बताने के साथ ही पुलिस मीडिया से उन आरोपियों को भी छुपाती रही और मौका देखकर पीछे के गेट से उन्हें भोपाल ले गई।
आरोपी कौन है और किनसे संबंध रखते है। इस संबंध में भी पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी।
एक साथ जीआरपी भोपाल और हबीबगंज की टीम राजगढ़ कैसे पहुंच गई।
भोपाल में एक बलात्कार का मामला दर्ज है। उसी की जांच हम कर रहे है। जिसके तहत यह कार्रवाई सामने आई है। जो आरोपी पकड़ाए है। वे महिलाओं को पैसों में बेचने का काम करने की बात कह रहे है।
मनकामलेश्वर सिंह, एएसपी जीआरपी भोपाल
जब इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी हुई तो उन्होंने दो-तीन मामले और बताए है कि वे पहले भी महिलाओं को यहां बेच चुके है। आगे की जांच की जा रही है। सात आरोपी गिरफ्तार हुए है।
निशा रेड्डी, एसडीओपी खिलचीपुर