फिर चाहे राजगढ़ की बात हो या विश्व की। ऐसे में खराब हवा, खराब पानी और अन्न के कारण मन भी खराब हो जाता है। ऐसे में कुछ लोग आपराधिक प्रवृत्ति की तरफ बढऩे लगते है। न्यायालय में पीडि़तों को न्याय और अपराधियों को सजा मिलती है। जिसके कारण लोगों में भय बना रहता है और अपराध करने से लोग डरते है। उन्होंने नए भवन को लेकर कहा कि यहां न्यायालयों की संख्या बढऩे से प्रकरणों के निराकरण और तेजी से होंगे। इसके बाद वे जीरापुर पहुंचे। जहां जीरापुर नवीन न्यायालय भवन का भी उदघाटन किया। यहां मंच पर विधायक हजारीलाल दांगी और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेमनारायण शर्मा मौजूद थे।
एडीआर भवन का भी शुभारंभ
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भवन का भी लोकार्पण मौके पर किया गया। यहां एक ही छत के नीचे मध्यस्थता, विविध सहायता, परिवार केन्द्र से जुड़े प्रकरणों की सुनवाई और परिवार परामर्श भी होगा।
बैंडबाजों से लेकर आए न्यायमूर्ति को
मालवा की परंपरा के अनुसार बैंडबाजों के साथ अतिथि को नवीन न्यायालय में लेकर आए। जहां लोकार्पण के दौरान देशभक्ति गीत बैंडबाजों पर गूंजते रहे। यही नहीं संस्कृति के अनुसार सभी अतिथियों का स्वागत पगड़ी और फूलमाला द्वारा किया गया।
न्यायालय भवन के लोकार्पण के साथ ही न्यायालय भवन में रखी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण भी किया गया। जबकि एक पौधा भी न्यायमूर्ति द्वारा परिसर में लगाया गया। अन्य पौधे अन्य अतिथियों द्वारा लगाए गए।
– मंच पर न्यायमूर्ति इंदौर खंडपीठ, जिला जज, सांसद, विधायक, कलेक्टर, एसपी और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष थे।
– रिमझिम बारिश के बीच आयोजित हुआ कार्यक्रम।
– मंच पर मौजूद अतिथियों का स्वागत बार एसोसिएशन के पूर्व व वर्तमान पदाधिकारियों द्वारा किया गया।
जिला न्यायालय एक नजर में
लागत: 12 करोड़ 95 लाख
कैंपस एरिया: 4 हेक्टेयर
कोर्ट रूम: 11
पार्किंग, आफिसर, अधिवक्ता व आमजन के लिए अलग-अलग
कांफ्रेंस हॉल जिसमें वीसी की भी सुविधा।
बार रूम: 02 महिला व पुरुष
बैंक: जिससे भी अनुबंध होगा।
लाइब्रेरी: कानूनी समेत अन्य पुस्तकें।
कैंटीन: 01
रैंप: 02
वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, मालखाना, नजारत कक्ष, फोटोकॉपी रूम, स्टेशनरी रूम।