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मरीजों की सुविधा के लिए आए एसी से एसडीएम कार्यालय हो रहा ठंडा!

locationराजगढ़Published: May 17, 2019 12:10:25 pm

Submitted by:

Amit Mishra

न कोई टेंडर न विज्ञप्ति सीधे हो गई महंगे एसी की खरीदी, मौखिक आदेश पर ही अस्पताल प्रबंधन ने भेजा…

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मरीजों की सुविधा के लिए आए एसी से एसडीएम कार्यालय हो रहा ठंडा!

ब्यावरा। भले ही निष्पक्ष मतदान कर जिले की जनता ने अपनी पसंद के उम्मीदवार के लिए बीते दिनों मतदान कर लिया हो लेकिन प्रशासनिक तंत्र की नाकामी से हमारा लोकतंत्र खतरे में है। जनता के हित में काम करने में नाकाम हो चुके प्रशासनिक तंत्र से अब जनता का ही भरोसा उठने लगा है। ऐसा ही मामला ब्यावरा में सामने आया है। यहां कि अस्पताल की रोगी कल्याण समिति में प्रस्तावित मरीजों की सुविधा के लिए खरीदे गए एसी की ठंडक यहां के अधिकारी ले रहे हैं। मरीज और प्रसूताएं 42 डिग्री तापमान में परेशान हो रहे हैं और उन्हीं के लिए खरीदे गए एसी का उपभोग अधिकारी कर रहे हैं।

 


किसी ने नहीं दिखाई गंभीरता…
44 हजार रुपए की कीमत के पांच एसी अस्पताल प्रबंधन ने रोकस के माध्यम से खरीदे, उनमें से चार तो अस्पताल में लगवा दिए गए, लेकिन एक को महज मौखिक आदेश पर एसडीएम कार्यालय में लगवा दिया गया। खास बात यह है कि निर्वाचन कार्य के लिए सामग्री अधिग्रहित करने का तर्क देकर मौखिक निर्देश पर ही लगवा दिया गया।

एसडीएम कार्यालय कैसे पहुंच गया…
इस पर न अस्पताल प्रभारी ने गंभीरता दिखाई ना ही स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने। जब इसकी जानकारी समिति के पदेन अध्यक्ष और विधायक गोवर्धन दांगी को चली तो वे आगबबूला हो गए। उन्होंने कहा कि जनता की सुविधाओं का दुरुपयोग करना गलत है। मुझे तो पता ही नहीं कि मरीजों के लिए प्रस्तावित एसी चुनाव के नाम पर एसडीएम कार्यालय कैसे पहुंच गया।

 


30 हजार का एसी 44 में खरीदा…
आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा कि आचार संहिता के दौरान सवा दो लाख का सामान बिना किसी टेंडर और विज्ञप्ति जारी किए खरीद लिया गया। इसमें भी बड़ी बात यह है कि मार्केट में 30 हजार में आसानी से मिल जाने वाला डेढ़ टन का एसी सिविल अस्पताल प्रबंधन ने 44 हजार पांच सौ रुपए में खरीदा। विभाग जेम पोर्टल से इसे खरीदना बता रहा है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस हद तक प्रशासनिक स्तर पर मनमानी जारी है।

 

पहले बोले यहीं रखा, बाद में चुनाव पर टाला…
करीब सवा दो लाख रुपए की खरीदी के संबंध में रोकस अध्यक्ष विधायक को भी जानकारी नहीं दी गई। जब अस्पताल प्रभारी डॉ. मिश्रा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने अलग-अलग बयान दिए। इसमें पहले बोले कि यहीं ऑपरेशन थियेटर में लगी है, फिर बोले यहीं कहीं रखी होगी। जब पत्रिका ने इसकी हकीकत जानी तो एक नई ओटी में, एक लेबर रूम में, एक ब्लड स्टोरेज में और एक पुरानी ओटी में लगी हुई और पांचवीं एसी एसडीएम दफ्तर में मिली। यानि प्रभारी ने बिना किसी लिखित निर्देश के एक एसी निर्वाचन प्रक्रिया के नाम पर दे दिया। जबकि एसी वगैरह अधिग्रहित करने का कोई प्रोव्हिजन विभाग के पास नहीं है।

 

पांच एसी खरीदे हैं इनमें से कुछ अस्पताल में लगा दिए और एक निर्वाचन कार्यालय के लिए मांगा गया था। उनका काम हो जाएगा तो वे लौटा देंगे।
-डॉ. प्रदीप मिश्रा, प्रभारी, सिविल अस्पताल, ब्यावरा


आप एसडीएम से पूछिए न आखिर क्यों लगवाई एसी। चुनाव में अधिग्रहण का क्या क्राइटेरिया है, मैं दिखवाती हूं। क्या नियम है देखकर कार्रवाई करेंगे।
-निधि निवेदिता, कलेक्टर, राजगढ़

 

मैं कम्प्यूटर, एसी सब कुछ अधिग्रहित कर सकता हूं। चुनाव प्रक्रिया के लिए मैंने अधिग्रहित किया है मेरे पास लिखित इसका आधार भी है, आप देख सकते हैं।
-प्रदीप सोनी, एसडीएम, ब्यावरा

 

यह सीधा मरीजों की सुविधा से खिलवाड़ है, एसी वहां कैसे पहुंचा मुझे पता ही नहीं है और निर्वाचन आयोग किसी भी अधिकारी को खुद की सुविधा के लिए एसी लगाने की अनुमति नहीं देता। मैं बात करता हूं, ऐसी गड़बडिय़ां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी, भले मुझे चौकीदारी करनी पड़े।
-गोवर्धन दांगी, विधायक और पदेन अध्यक्ष, रोकस, ब्यावरा

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