यह होता है एलीवेटेट रोड…?
अकसर हम बड़े शहरों में देखते हैं कि सड$क के साथ एक पिलर के सहारे ऊपर एक सड$क चलती है। यह अकसर यातायात बढऩे पर बनाई जाती है। इसमें वाहनों की तेज रफ्तार रहती है और कोई भी रेड सिग्नल नहीं रहता। ब्यावरा के परिप्रेक्ष्य में बायपास पर ट्रैफिक लोड बढऩे के कारण यह संभावना बढ़ी है और इसे मूर्त रूप दिलवाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि यह समय ही बताएगा कि यह कोशिश कितनी कारगर साबित होगी।
बायपास पर ङ्क्षसगल फ्लाइओव्हर, नतीजा… हो रहे हादसे
इंदौर की ओर जाने वाले बायपास पर ङ्क्षसगल फ्लाईओव्हर बना हुआ है वहीं, उधर से लौटने वाले वाहन नीचे आते हैं, जिससे कई बार हादसे हो चुके हैं। आने-जाने में क्रम बिगड़ जाता है, चालक कन्फ्यूज्ड हो जाते हैं और हादसे की संभावनाएं यहां ज्यादा हैं। कई ट्रक पलट गए, पिकअप वाहन, बस सहित अन्य वाहन यहां हादसे का शिकार हो चुके हैं।
बड़ा फोरलेन, ट्रैफिक लोड भी सर्वाधिक
आगरा-मुंबई नेशनल हाइवे, जयपुर जलपुर नेशनल हाइवे के संगम स्थल ब्यावरा में है। यहां बड़े रोड पर सर्वाधिक ट्रैफिक लोड है। मुंबई और दिल्ली, आगरा सहित अन्य बड़े शहरों से आने-जाने वाले वाहनों का क्रम यहां जारी रहता है। इसी के चलते माना जा रहा है कि इसमें काफी राहत जनता को मिल जाएगी।
भू-तल मंत्रालय को लिखा है पत्र
&बायपास के लिए हमने केंद्रीय भू-तल मंत्री जी को पत्र लिखा है। इसमें मांग रखी गई है कि ब्यावरा में बायपास विकसित किया जाए, एलीवेटेड रोड के साथ ही सर्विस रोड की लंबाई बढ़ाने की भी इसमें योजना है। जल्द ही इसकी सौगात मिल सकेगी।
-रोडमल नागर, सासंद, राजगढ़