हड़ताल के दौरान कलेक्टर हर्ष दीक्षित जिला चिकित्सालय पहुंचे। उन्होंने सीएमएचओ और सिविल सर्जन के साथ किए गए निरीक्षण किया। हालांकि सुबह के समय ज्यादा मरीज नहीं थे। फिर भी कलेक्टर ने हड़ताल के दौरान पूरे समय सीएमएचओ को निर्देशित किया कि वह अपनी सेवाएं जारी रखें और मरीजों के उपचार को लेकर मदद करें।
ब्यावरा में डॉक्टर्स का विरोध-प्रदर्शन, रोज दो घंटे आते थे, अब बिल्कुल नहीं आए
ब्यावरा. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मप्र मेडिकल एसोसिएशन की ओर से शुक्रवार को पूर्ण हड़ताल पर गए डॉक्टर्स के कारण अस्पताल में मरीज परेशान हुए। हालांकि ये मरीज रोजाना ही परेशान होते हैं, 16 में से दो या तीन डॉक्टर ही पूरे समय मौजूद रहते हैं। ऐसे में शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान डॉक्टर्स बिल्कुल अस्पताल नहीं पहुंचे, बाकि आम दिनों में भी एक या दो घंटे ही वे अस्पताल पहुंचते हैं। यदि कोई जूनियर डॉक्टर आ गया तो उसकी मॉर्निंग, डे और नाइट सभी ड्यूटियां लग जाती हैं। साथ ही जिनकी ड्यूटियां रूटीन में सर्वाधिक होती है वे ही करते रहते हैं, बाकि की व्यवस्था भगवान भरोसे ही है।
ऐसे में विरोध-प्रदर्शन का ज्यादा असर ब्यावरा में नजर नहीं आया। डॉक्टर्स विरोध में थे, उनका विरोध करना या आना-नहीं आना एक जैसा मरीजों के लिए रहा। हालांकि मरीज परेशान होते रहे। दो आयुष चिकित्सकों के भरोसे सिविल अस्पताल की व्यवस्थाएं थी, जिन्होंने काम संभाला। गंभीर मरीज परेशान होते रहे। बाद में जिला अस्पताल प्रबंधन की और से राजगढ़ से टीम भी भेजी गई थी।