मीटर में कम बिल में ज्यादा लिख दी यूनिट
उपभोक्ताओं ने बिजली कंपनी कार्यालय कार्यालय पहुंचकर बताया कि जो बिल उन्हें दिए गए हैं। मीटर में अभी भी उतनी रीडिंग नहीं हुई है। जबकि यह रीडिंग 20 दिन पुरानी है और 150-150 यूनिट ज्यादा दर्ज कर दी। ऐसे में जिनके बिल 100 से 200 रुपए आते थे, उनके बिल तीन हजार से ऊपर आए हैं।
उपभोक्ताओं ने बिजली कंपनी कार्यालय कार्यालय पहुंचकर बताया कि जो बिल उन्हें दिए गए हैं। मीटर में अभी भी उतनी रीडिंग नहीं हुई है। जबकि यह रीडिंग 20 दिन पुरानी है और 150-150 यूनिट ज्यादा दर्ज कर दी। ऐसे में जिनके बिल 100 से 200 रुपए आते थे, उनके बिल तीन हजार से ऊपर आए हैं।
100 यूनिट तक राहत
यहां जब कंपनी कार्यालय में उपभोक्ताओं ने पूछा कि यह बढ़ा हुआ बिल कैसे आया तो अधिकारियों ने बताया कि संबल योजना में दर्ज नंबर में 100 यूनिट तक 100 रुपए है। इससे अधिक यूनिट होने पर सभी उपभोक्ताओं का एक तरह का बिल आएगा। ऐसे में जब उपभोक्ताओं ने कहा कि मीटर में इतनी रीडिंग ही नहीं है तो बिल बढ़ाकर क्यों दिया गया। इस पर अधिकारी भी चुप्पी साध गए और मीटर को दिखवाने का आश्वासन दिया।
यहां जब कंपनी कार्यालय में उपभोक्ताओं ने पूछा कि यह बढ़ा हुआ बिल कैसे आया तो अधिकारियों ने बताया कि संबल योजना में दर्ज नंबर में 100 यूनिट तक 100 रुपए है। इससे अधिक यूनिट होने पर सभी उपभोक्ताओं का एक तरह का बिल आएगा। ऐसे में जब उपभोक्ताओं ने कहा कि मीटर में इतनी रीडिंग ही नहीं है तो बिल बढ़ाकर क्यों दिया गया। इस पर अधिकारी भी चुप्पी साध गए और मीटर को दिखवाने का आश्वासन दिया।
कहीं बदनाम करने की साजिश तो नहीं
ऊर्जा विभाग के मंत्री खिलचीपुर से हैं और सीधा-सीधा राजगढ़ से उनका नाम जुड़ा है। ऐसे में पिछली बार भी मीटर किराया जोड़ते हुए उपभोक्ताओं को परेशान किया गया। इस बार कुछ उपभोक्ताओं की शिकायत है कि मीटर में दर्ज रीडिंग से ज्यादा बिल दिए गए हैं। यही नहीं कुछ उपभोक्ताओं की राशि पिछली बार एडजेस्ट करते हुए उनसे बिल भरवाया और इस बार फिर दोबारा से वह राशि जोड़कर भेज दी गई।
ऊर्जा विभाग के मंत्री खिलचीपुर से हैं और सीधा-सीधा राजगढ़ से उनका नाम जुड़ा है। ऐसे में पिछली बार भी मीटर किराया जोड़ते हुए उपभोक्ताओं को परेशान किया गया। इस बार कुछ उपभोक्ताओं की शिकायत है कि मीटर में दर्ज रीडिंग से ज्यादा बिल दिए गए हैं। यही नहीं कुछ उपभोक्ताओं की राशि पिछली बार एडजेस्ट करते हुए उनसे बिल भरवाया और इस बार फिर दोबारा से वह राशि जोड़कर भेज दी गई।