इसी के साथ ही रायसेन जिले की सीमा से होकर अन्य जिलों में जाने के लिए सभी डंपरों के निकलने के लिए रूट निर्धारित करने को कहा है। मगर अभी इस पर अभी अमल नहीं हो पाया है। अभी भी खुलेआम रात के समय नर्मदा की रेत खदानों से रेत से भरे डंपर लगातार निकल रहे हैं। रेत का अवैध खनन और परिवहन रोकने के लिए पिछले दिनों जिला व पुलिस प्रशासन ने व्यवस्था में कुछ बदलाव किए थे।
रात के समय रेत का परिवहन रोकने का असर अब यह दिखाई देने लगा है कि दिन के समय रेत के डंपर ज्यादा संख्या में निकलने लगे हैं। इसलिए जब दिन के समय ज्यादा संख्या में डंपर निकल रहे। तो फि र से एक नई समस्या खड़ी हो रही है। इससे अब यातायात की दिक्कतें होंगी। इसलिए इन डंपरों को ऐसे रास्तों से निकालने के लिए कहा गया है जहां से आवाजाही कम हो। इसके लिए कच्चे मार्ग का भी उपयोग किया जा सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार रात 9.30 बजे बाड़ी भारकच्छ के नजदीक मदागन घाट और मांगरोल बरेली, बगलवाड़ा, केतोघान, खरगौन बरेली आदि खदानों से डंपर निकल रहे थे। रेत खदानों से अभी भी रात के समय सुल्तानपुर-महुआखेड़ा-मानपुर के रास्ते से रेत का परिवहन किया जा रहा है। यही नहीं शनिवार रात 9.30 बजे भी रेत से भरे डंपर निकल रहे थे। यहां की खदानों से इसी तरह देर रात को भी कई डंपर निकल रहे हैं।
1-रेत के डंपरों को कम आवाजाही के रास्तों से निकालना है, तो फि र इसके लिए अमले की जरूरत होगी, जो पहले से ही कम है। ऐसे में इस आदेश का कितना पालन हो सकेगा अभी कहा नहीं जा सकता है।
2- डायवर्ट रूट बता भी दिए तो क्या ये डंपर चालक इन नियमों का पालन करेंगे। क्या ये डंपर चालक अपने वाहनों को कच्चे रास्तों से ले जाने के लिए आदेश को राजी होंगे। ऐसे में फि र लगातार चैकिंग होना जरूरी हो जाएगा।
– धनराज काटोलकर, जिला खनिज अधिकारी रायसेन।