scriptप्रतिबंध के बाद भी बेखौफ होकर रात में कर रहे रेत का परिवहन | Transporting the Sand in the Night | Patrika News

प्रतिबंध के बाद भी बेखौफ होकर रात में कर रहे रेत का परिवहन

locationरायसेनPublished: Jan 20, 2019 11:06:35 pm

जिले में अवैध रेत खनन माफिया पर लगाम लाख कोशिशों के बाद भी नहीं लग पा रही है।

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Raisen Illegal sand mining mafia in the district has not been able to clash even after lakhs of attempts. The magazine also published the news about this illegal business. Then the administration was seen in the mood of rigidity Now to prevent this illegal business, the administration has shown strictness and ordered to stop the transport at night.

रायसेन. जिले में अवैध रेत खनन माफिया पर लगाम लाख कोशिशों के बाद भी नहीं लग पा रही है। इस अवैध कारोबार के संबंध में पत्रिका ने भी खबरें प्रकाशित की। तब प्रशासन भी सख्ती के मूड में आता नजर आया। अब इस अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने सख्ती दिखाई और रात के समय होने वाले परिवहन को रोकने के आदेश भी दिए हैं।
अमल नहीं हुआ
इसी के साथ ही रायसेन जिले की सीमा से होकर अन्य जिलों में जाने के लिए सभी डंपरों के निकलने के लिए रूट निर्धारित करने को कहा है। मगर अभी इस पर अभी अमल नहीं हो पाया है। अभी भी खुलेआम रात के समय नर्मदा की रेत खदानों से रेत से भरे डंपर लगातार निकल रहे हैं। रेत का अवैध खनन और परिवहन रोकने के लिए पिछले दिनों जिला व पुलिस प्रशासन ने व्यवस्था में कुछ बदलाव किए थे।
इसका कुछ असर शुरू में दिखाई भी दिया, लेकिन अमला कम होने के कारण रात के समय चैकिंग नहीं हो पा रही। इस कारण रेत के डंपर अल सुबह और रात के समय बेखौफ होकर निकल रहे हैं।
दिन में बढ़ा टै्रफिक
रात के समय रेत का परिवहन रोकने का असर अब यह दिखाई देने लगा है कि दिन के समय रेत के डंपर ज्यादा संख्या में निकलने लगे हैं। इसलिए जब दिन के समय ज्यादा संख्या में डंपर निकल रहे। तो फि र से एक नई समस्या खड़ी हो रही है। इससे अब यातायात की दिक्कतें होंगी। इसलिए इन डंपरों को ऐसे रास्तों से निकालने के लिए कहा गया है जहां से आवाजाही कम हो। इसके लिए कच्चे मार्ग का भी उपयोग किया जा सकता है।
होगी कठोर कार्रवाई
प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार रात 9.30 बजे बाड़ी भारकच्छ के नजदीक मदागन घाट और मांगरोल बरेली, बगलवाड़ा, केतोघान, खरगौन बरेली आदि खदानों से डंपर निकल रहे थे। रेत खदानों से अभी भी रात के समय सुल्तानपुर-महुआखेड़ा-मानपुर के रास्ते से रेत का परिवहन किया जा रहा है। यही नहीं शनिवार रात 9.30 बजे भी रेत से भरे डंपर निकल रहे थे। यहां की खदानों से इसी तरह देर रात को भी कई डंपर निकल रहे हैं।
बदलावों में ये बड़ी समस्याएं
1-रेत के डंपरों को कम आवाजाही के रास्तों से निकालना है, तो फि र इसके लिए अमले की जरूरत होगी, जो पहले से ही कम है। ऐसे में इस आदेश का कितना पालन हो सकेगा अभी कहा नहीं जा सकता है।
2- डायवर्ट रूट बता भी दिए तो क्या ये डंपर चालक इन नियमों का पालन करेंगे। क्या ये डंपर चालक अपने वाहनों को कच्चे रास्तों से ले जाने के लिए आदेश को राजी होंगे। ऐसे में फि र लगातार चैकिंग होना जरूरी हो जाएगा।
3-रात के समय भी रेत परिवहन रोकने के लिए अमले की जरूरत है। माइनिंग विभाग की बात करें, तो उनके पास पहले से ही स्टाफ के नाम पर मात्र दो इंस्पेक्टर हैं। उनके पास वाहन है, लेकिन इसका ड्राइवर नहीं है।
 रेत के ओवर लोड वाहनों की चैकिंग की मुहिम लगातार जारी रहेगी। बिना रॉयल्टी के वाहनों की भी माइनिंग अमले द्वारा जांच कर चालानी की कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर के आदेश का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। रात की बजाय अब दिन में ही रेत केे वाहन गुजारने के आदेश मिले हैं।
– धनराज काटोलकर, जिला खनिज अधिकारी रायसेन।
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