जिस कारण एक बार फिर से अध्यापक आन्दोलन के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्यविभाग में कार्यरत अध्यापकों का संविलियन के बाद भी विभाग चुनने का अवसर नहीं मिला है। जिससे अध्यापक अध्यापिकाओं में आक्रोश पनपने लगा है। कमलनाथ सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारी अगर जायज मांगों का निराकरण जल्द नहीं किया तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
धरने में राजकुमार खत्री, भंवर सिंह मौर्य, दर्शन सिंह ओढ़, सुरेंद्र सिंह ओढ़ ने कहा कि दिवंगत अध्यापकों के आश्रितों के परिवार में किसी एक को नियमों को शिथिल कर अनुकंपा नौकरी प्रदान की जाए। क्योंकि उनका परिवार बरसों से रोजी रोटी के लिए मोहताज हैं। अगर हमारी जायज मांगों को सकरार ने नहीं मानी तो आगामी 21 जनवरी को अध्यापक भोपाल कूच करेंगे। राजधानी भोपाल में अध्यापकों की भीड़ जंगी प्रदर्शन कर कमलानाथ सरकार की मुश्किलों को बढ़ाएंगे। धरने में तेग बहादुर सिंह राजपूत, राजेश जोशी, जावेद खान, प्रेम नारायण लोधी, राम नारायण शर्मा, राकेश कुमार अहिरवार, रामकुमार धाकड़, महेश मांझी, हरिबाबू आदि मौजूद थे।