scriptभव्य आतिशबाजी के बीच आज होगा रावण दहन | Ravana combustion between grand fireworks today | Patrika News

भव्य आतिशबाजी के बीच आज होगा रावण दहन

locationरायसेनPublished: Jan 08, 2019 09:20:37 pm

शहर में आयोजित वार्षिक श्रीराम लीला महोत्सव का समापन आज बुधवार नौ जनवरी को लंकापति रावण के वध के साथ होगा।

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Raisen The anniversary of the annual Sriram Leela Festival held in the city today will be on Wednesday 9th January with the execution of Lankapati Ravana. Preparations of Leela of Ravana slaughter are being done by the Shriram Leela Mela Committee and by the district administration. The burning effigy of Dashanan, about 25 feet high will be combusted by fire from the bow of Lord Prabhu Shriram-Lakshman.

रायसेन. शहर में आयोजित वार्षिक श्रीराम लीला महोत्सव का समापन आज बुधवार नौ जनवरी को लंकापति रावण के वध के साथ होगा। रावण वध की लीला की तैयारियां श्रीराम लीला मेला समिति और जिला प्रशासन द्वारा जोरशोर से की जा रही हैं। लगभग २५ फीट ऊंचे दशानन के अहंकारी पुतले का दहन भगवान प्रभु श्रीराम-लक्ष्मण के धनुष से निकले अग्रिबाण से किया जाएगा। इसके बाद बम-पटाखों के धमाक ों बीच किला व राउंड सीटी, लग्घी लाइट आकर्षण का केंद्र रहेंगे।
चित्ताकर्षक आतिशबाजी राघौगढ़ गुना और राजधानी भोपाल के कलाकारों द्वारा की जाएगी। वीर बजरंगी हनुमान जी के मुखौटे की शोभायात्रा जनाकर्षण का केंद्र रहेगी। हनुमानजी के मुखौटे निकालने की परंपरा की शुरूआत बरसों पूर्व शहर में कपड़ा व्यवसायी बोधराज खन्ना, उनके बाल सखा स्वर्गीय निरंजन बाबा ने की थी।
होती है कठिन साधना
जय रघुवीर, जय महावीर समिति के बैनर तले दशहरा पर्व और श्रीरामलीला महोत्सव समापन रावण वध लीला प्रसंग के दिन हनुमान जी का चोला धारण किया जाता है। चोला धारण करने वाले युवक को 40 दिनों तक कठिन साधना और ब्रम्हचर्य व्रत का पालन करना होता है। युवक को चटाई बिछाकर जमीन पर ही सोना पड़ता है। कठिन जप, तप, व संयम साधना के बाद ही युवक इस पवनपुत्र हनुमान के मुखौटे और सिंदूरी चोला धारण कर पाता है।
इस वर्ष श्रीरामलीला मेला के अवसर पर पवनपुत्र का मुखौटा धारण २३ वर्षीय रीतेश सेन पुत्र वीरेंद्र सेन निवासी तिपट््टा बाजार रायसेन धारण करेंगे।
तारनीसेन का वध
मंगलवार को तारनीसेन, उनकी धर्मपत्नी निम्नाक्षी लीला प्रसंग का आयोजन किया गया। श्रीराम लीला मेला संचालन समिति के प्रमुख पंडित राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला ने बताया कि जब एक के बाद एक कई वीरयोद्धा युद्ध वीरगति को प्राप्त हो जाते हैं तब रावण विभीषण के मायावी पुत्र तारणी सेन व पुत्रवधु निम्नाक्षी को श्रीराम लक्ष्मण से युद्ध करने के लिए भेजता है।
peo इस दौरान तारणीसेन की धर्म पत्नी निम्राक्षी भी उनसे के साथ युद्ध करने के लिए जाती है। तारणी सेन व निम्राक्षी सहित राक्षसी सेना के साथ श्रीराम लक्ष्मण से माया फैलाकर युद्ध करता है। अंत में तारनी सेन सेना सहित मारा जाता है।
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