जय रघुवीर, जय महावीर समिति के बैनर तले दशहरा पर्व और श्रीरामलीला महोत्सव समापन रावण वध लीला प्रसंग के दिन हनुमान जी का चोला धारण किया जाता है। चोला धारण करने वाले युवक को 40 दिनों तक कठिन साधना और ब्रम्हचर्य व्रत का पालन करना होता है। युवक को चटाई बिछाकर जमीन पर ही सोना पड़ता है। कठिन जप, तप, व संयम साधना के बाद ही युवक इस पवनपुत्र हनुमान के मुखौटे और सिंदूरी चोला धारण कर पाता है।
तारनीसेन का वध
मंगलवार को तारनीसेन, उनकी धर्मपत्नी निम्नाक्षी लीला प्रसंग का आयोजन किया गया। श्रीराम लीला मेला संचालन समिति के प्रमुख पंडित राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला ने बताया कि जब एक के बाद एक कई वीरयोद्धा युद्ध वीरगति को प्राप्त हो जाते हैं तब रावण विभीषण के मायावी पुत्र तारणी सेन व पुत्रवधु निम्नाक्षी को श्रीराम लक्ष्मण से युद्ध करने के लिए भेजता है।