जबकि राजस्व एवं परिवहन विभाग के अधिकारी मात्र दिखावे की कार्रवाई करते सड़क पर झूमते फि रते नजर आ रहे हैं। वहीं सैकड़ों टैक्टर ट्रॉली प्रतिदिन निकल रही है। अब रेत माफि या को राजस्व एवं खनिज विभाग के अधिकारियों का कोई डर नहीं है। ऐसे में रेत का अवैध कारोबार करने वालों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं। इससे जहां जिम्मेदारों की कार्य प्रणाली पर तो सवालिया निशान, लेकिन अब तक राजस्व विभाग एक भी बड़ी कार्रवाई नहीं कर सका।
जबकि खुलेआम चोरी की जानकारी पूरे प्रशासन को है। इसके बावजूद भी कार्रवाई न होने से अब लोगों में सिर्फ एक ही सवाल है कि आखिर खनिज और राजस्व विभाग अवैध खनन को रोकने गंभीर क्यों नहीं है। जानकारी होने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।
वर्तमान में हालत ये है कि नर्मदा तट से रेत का कारोबार बेरोक-टोक का चल रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, जिम्मेदार विभाग के अधिकारी अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर सके।
आलम है कि प्रति दिन रेत से भरी एक सैकड़ा से अधिक टैक्टर ट्रॉली आ रही है। इन्हें अधिकारी का कोई डर तक नहीं है। सरकारी अमले का देखकर यूं लग रहा है कि मानो उसे इस मसले से कोई सरोकार ही नहीं है। रायसेन जिला मुख्यालय से खनिज विभाग के अधिकारियों को आने में समय लगता है। ऐसे में राजस्व विभाग के अधिकारियों को रेत के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाना चाहिए।
जबकि सरकार में आने से पहले कांग्रेस पार्टी द्वारा रेत के अवैध कारोबार और परिवहन पर अंकुश लगाने की बात कही गई थी, लेकिन जिम्मेदार विभागों की अनदेखी के चलते रेत माफियाओं की दिन और रात धमाचौकड़ी लगी है। कभी-कभार खनिज विभाग द्वारा कार्रवाई की जाती है, तो रेत माफिया छिप जाते हैं।
हम जब भी कार्रवाई करने जाते हैं, तो हमें नर्मदा तट पर कोई भी ट्रैक्टर ट्रॉली नहीं मिले। पर नर्मदा तट पर रेत के बड़े बड़े गड्ढे मिले हैं। इससे यहां लगता है कि कोई हमारे आने की सूचना दें देता है। हमको मुख्यालय से आने में भी समय लग जाता है।
– राजीव कदम, खनिज निरीक्षक, रायसेन।