जिससे वह हैवी बिजली लाइन के करंट की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। हैरत की बात तो यह है कि उसका शव बिजली पोल से करीबन दो घंटे तक नहीं उतारा गया। हैवी लाइन की चपेट में आने से वह बुरी तरह से झुलस गया और उसका शरीर काला पड़ गया था। कोतवाली पुलिस ने फिलहाल शव का मर्ग कायम कर मामला विवेचना में लिया है। बिजली कंपनी मध्य क्षेत्र ग्रामीण के जिम्मेदार अधिकारी मृतक हेल्पर को कंपनी का कर्मचारी होने से साफ इंकार कर रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को दोपहर लगभग २.३० बजे 11000 के व्ही लाइन का जंफर जल जाने पर सेवासनी बड़ोदा गांव के नजदीक बिजली खंभे पर चढ़कर हेल्पर उसे बदलने का काम कर रहा था। इसके लिए बिजली कंपनी के लाइनमैन केसरी लाल ने दो घंटे के लिए परमिट ले रखा था।बताया जा रहा है कि लाइनमैन केसरी लाल ने सिंहपुर निवासी 45 वर्षीय लाखन सिंह जाट पुत्र रूप सिंह को अपने निजी खर्च पर काम पर रख लिया था।
लाइनमैन केसरी लाल बिजली पोल के नीचे खड़ा होकर काम में मदद कर रहा था। तभी अचानक बिजली सप्लाई चालू कर दी। जिससे हैवी बिजली लाइन में प्रवाहित करंट की चपेट में आने से हेल्पर लाखन सिंह की मौत हो गई। शर्मनाक पहलू यह रहा कि घटना के दो घंटे बाद तक मृतक हेल्पर का शव बिजली पेाल पर लटका रहा। फाल्ट होने के बाद बिजली तार जमीन पर गिरा पड़ा रहा। बाद में बमुश्किल पोल पर लटके उसका शव नीचे उतारा गया।
इसके बाद शव का गुरूवार को सुबह कोतवाली पुलिस द्वारा शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद सिंहपुर से आए परिजनों को सौंप दिया गया। टीआई आशीष कुमार धुर्वे ने बताया कि सिंहपुर निवासी हेल्पर लाखन सिंह जाट के करंट से मौत के मामले की बारीकी से जांच कराई जा रही है। मृतक हेल्पर कर्मचारी के बुजुर्ग पिता सहित परिवार में चार भाई, पत्नी कल्लो बाई जाट ३९ वर्ष उसका पुत्र सौरभ जाट व वर्षा बाई जाट पुत्री हैं। परिवार के मुखिया के अचानक चले जाने से गरीब जाट परिवार के ऊपर फिलहाल दुखों का पहाड़ टूट गया है। सिंहपुर गांव में मातम का माहौल रहा।
मृतक हेल्पर लाखन सिंह जाट की मौत किन कारणों से हुई है। फिलहाल मीटर के एमआईआर की जांच कराई जा रही है। मृतक हमारा कर्मचारी नहीं था। बल्कि लाइनमैन ने अपने निजी खर्च के वेतन पर रख लिया था। इसमें मृतक के आश्रितों को किसी तरह की सहायता राशि दिलाने का कोई प्रावधान नहीं है।
संजय पटेल, जेई ग्रामीण बिजली कंपनी रायसेन