दरअसल यह संभव हुआ है, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सिविल हॉस्पिटल में अपग्रेड करने से। सामुदायिक अस्पातल के पीछे सिविल अस्पताल के लिए भवन का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है सिविल अस्पताल होने से क्षेत्र की करीब दो लाख की आबादी को लाभ मिलेगा।
30 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में औसतन चार सौ मरीज रोज आते हैं, लेकिन यहां चिकित्सा और विशेषज्ञ डॉक्टरों की सुविधा की कमी के चलते मजबूरी में उन्हें राजधानी के निजी नर्सिंग होम का सहारा लेना पड़ता है। लोगों की इस परेशानी को देखते हुए स्थानीय लोग लम्बे समय से इस अस्पताल को सिविल बनवाने की मांग कर रहे थे। तब ही प्रदेश की पूर्व सरकार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सिविल अस्पताल में अपग्रेड करने का निर्णय लिया था।
सिविल हॉस्पिटल बनने के बाद यह 50 बिस्तरों का अस्पताल बन जाएगा। इसके अलावा यहां डॉक्टरों की संख्या बढऩे के साथ ही साथ उपकरणों व संसाधनों में भी बढ़ोत्तरी होगी। व्यापारी हरीश वासवानी बताते हैं कि सिविल हॉस्पिटल बनने से यहां हड्डी विशेषज्ञ होगा, जिससे हादसे में गंभीर रूप से घायल होने पर लोगों की जान को तो बचाया ही जा सकता है। अन्य इलाज की सुविधा भी गरीब तबके के लोगों को बिना किसी परेशानी के यहीं मिलने लगेगी।
हड्ड़ी, सर्जन, नेत्र, निश्चेतना शिशु रोग मेडिकल, ईएनटी, पीडिया गायनी एवं मेडीसिन, समेत अन्य सभी तरह के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं मिलेंगी। वहीं ड्रेसर वार्ड ब्याय, लैब अटेंडर समेत अन्य पैरामेडिकल स्टाप की भी जरूरत पूरी होगी। इसके अलावा ब्लड स्टोरेज यूनिट की जगह ब्लड बैंक की सुविधा मिलने लगेगी।
– डॉ केपी यादव, बीएमओ औबेदुल्लागंज
& मंडीदीप के सीएचसी को सिविल हॉस्पिटल में अपग्रेड करने का निर्णय केबीनेट में लिया गया था, इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यहां सिविल गाइडलाइन के अनुसार सभी सुविधाएं उपलब्ध कराईं जाएंगी।
– सुरेंद्र पटवा, भोजपुर विधायक