scriptस्कूलों में हाथ धुलवाने की हुई रस्म अदायगी | Hand washing ceremony in schools | Patrika News
रायसेन

स्कूलों में हाथ धुलवाने की हुई रस्म अदायगी

विश्व हाथ धुलाई दिवसज्यादातर स्कूलों में बनी हैंड वॉश यूनिट बदहाल।पीएचई ने प्रत्येक यूनिट पर एक लाख 36 हजार रुपए किए खर्च, फि र भी छात्रों को नहीं मिल रही सुविधा।

रायसेनOct 16, 2022 / 09:31 pm

Rajesh Yadav

स्कूलों में हाथ धुलवाने की हुई रस्म अदायगी

स्कूलों में हाथ धुलवाने की हुई रस्म अदायगी

रायसेन. हर वर्ष 15 अक्टूबर को प्राइमरी, मिडिल स्कूलों में विश्व हाथ धुलाई दिवस मनाया जाता है। बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरुक करने के लिए इस दिन कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं। मगर यह सब औपचारिकता भरा और रस्म अदायगी तक सीमित रहता है। क्योंकि स्कूलों में संसाधनों का अभाव है। दो वर्ष पहले स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर हैंडवाश यूनिट बनाने की शुरुआत हुई। कई स्कूल, आंगनबाड़ी में यूनिट बन चुकी, लेकिन उपयोग करने लायक नहीं रहीं। शुरुआती दौर से ही इनका घटिया और अव्यवस्थित निर्माण किया गया। इस कारण हैंडवाश यूनिट छात्रों के उपयोग में नहीं आ रही।
ज्यादातर स्कूलों में ये हाथ धुलाई के स्टैंड खाली पड़े हैं। कहीं पर टोटी नहीं और जहां टोटी लगा दी तो पानी नहीं मिल रहा। कुछ स्थानों पर निर्माण के दौरान ही हैंडवाश यूनिट धराशायी होने लगी थीं। जबकि प्रत्येक यूनिट पर एक लाख 36 हजार रुपए खर्च किया गया। इन सभी के निर्माण का जिम्मा पीएचई विभाग को सौंपा गया। लेकिन निरंतर मॉनीटरिगं नहीं होने से ज्यादातर यूनिट बदहाल स्थिति में पहुंच गई। कई जगह आधी-अधूरी स्थिति में यूनिट दिख रही। कुछ जगह घटिया निर्माण होने से टाइल्स उखड़कर गिर गए तो कहीं पर सिर्फ स्टैंड बना नजर आ रहा।
बाल्टी रखकर धुलवाए हाथ
यही वजह है शनिवार को विश्व हाथ धुलाई दिवस पर जिला मुख्यालय सहित ज्यादातर स्कूलों में यह आयोजन सिर्फ दिखावा साबित हुआ। शहर के शासकीय कन्या हायर सेकंडरी स्कूल, कलेक्टे्रट कालोनी स्थित प्राइमरी, मिडिल स्कूल में पानी की बॉल्टी रखकर मग्गे से छात्र-छात्राओं के हाथ धुलवाए गए। पुरानी बस्ती में संचालित प्राइमरी, मिडिल स्कूलों कुछ बच्चे अपने घरों से पानी की बॉटल लेकर पहुंचे और हाथ धोए। ज्यादातर स्कूलों में हाथ धोने के लिए साबुन नहीं मिला। सिर्फ रस्म निभाने के लिए आज के दिन हाथ धुलवाए गए। अब आगे से बच्चों को ही स्वच्छता पर ध्यान देना होगा, क्योंकि शिक्षक इस तरफ रुचि नहीं दिखाते।
निर्माण कार्य की स्थिति
जिला शिक्षा केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार जिले के 1982 प्राइमरी, मिडिल स्कूल परिसरों में हैंडवाश यूनिट का निर्माण स्वीकृत किया गया था।
जिसमें 31 अगस्त तक 143 स्कूलों में इसका काम पूरा हो गया। बाकी में काम चल रहा है। वहीं जिले के सात सौ आंगनबाड़ी केन्द्रों में हैंडवाश यूनिट बनाने की स्वीकृति मिली थी, इसमें अब तक 532 केन्द्रों पर निर्माण पूर्ण हुआ, बाकी जगह आधी-अध्ूारी स्थिति में कार्य है।
ऐसे होना था निर्माण
प्रत्येक स्कूल में एक लाख 36 रुपए इस पर खर्च किए जाने हैं। इसमें सीमेंट, ईंट और आरसीसी का स्टैंड तैयारकर उसमें टाइल्स लगाए जाने हैं।
इसके बाद उसमें पांच टोटियां लगानी है। टोटी के ऊपर छांव के लिए छतरीनुमा चादर लगाकर व्यवस्थित किया जाना है। टोटी तक पानी सप्लाई के लिए प्लॉस्टिक की टंकी रखना है। जिसके माध्यम से हैंडवाश यूनिट तक पानी पहुंचेगा। वहीं जिन स्कूलों में हैंडपंप लगा है, वहां सिंगल फेस की मोटर हैंडपंप के साथ डालकर कनेक्शन करना इसमें शामिल है। लेकिन जहां पानी की सुविधा नहीं, वहां पर यूनिट नहीं बनाई जाएगी। कुछ जगह नल-जल योजना से इसे जोड़ा गया।
इनका कहना
जिले के अधिकतर स्कूलों में बनी हैंडवाश यूनिट घटिया स्तर की बनाई गई। जिनका उपयोग नहीं हो पा रहा, कहीं पर टोटी नहीं तो कहीं पर छांव की व्यवस्था नहीं की गई। आधी-अधूरी स्थिति में हैंडवाश यूनिट दिखाई दे रही। इसकी जानकारी निर्माण एजेंसी पीएचई विभाग को दे दी है, मगर ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई। इस कारण विश्व हाथ धुलाई दिवस पर इस तरह के हालात बने।
एसके उपाध्याय, डीपीसी जिला शिक्षा केन्द्र रायसेन।

Hindi News/ Raisen / स्कूलों में हाथ धुलवाने की हुई रस्म अदायगी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो