नगर में बिना लाइसेंस के धड़ल्ले से प्राइवेट कोचिंग क्लासेस संचालित की जा रही हैं। नर्मदा कॉलोनी, छत वाला कुआं, बोरास रोड, एक्सचेंज रोड, नगर परिषद, रामनगर, ब्लॉक कॉलोनी, ब्रह्मा नगर, फरसी रोड, जैन मंदिर आदि स्थानों पर संचालित सभी कोचिंग क्लासेस के संचालकों के पास लाइसेंस नहीं हैं। एनएसयूआई छात्रों ने मांग की है कि ऐसे सभी शासकीय शिक्षकों एवं प्राइवेट शिक्षकों के विरुद्ध उचित धाराओं के तहत दंडात्मक कार्यवाही होनी चाहिए। यह कार्यवाही अगस्त माह तक जारी रखें।
तहसीलदार उदयपुरा और जिला शिक्षा अधिकारी आलोक खरे ने कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। ज्ञापन सौंपने वालों में विधानसभा अध्यक्ष प्रज्ज्वल सिंह राजपूत, पवन खटीक, सौरभ राय, विकी बघेल, शुभम जैन, रिजवान उद्दीन, सुमित लोधी, मिसबाह कुरेशी, अनुज श्रीवास्तव आदि शामिल थे।
बहुमंजिला रहवासी भवनों और कामर्शियल कॉम्पलेक्स में कोचिंग संस्थान संचालित करने की अनुमति एसडीएम और जिला शिक्षा अधिकारी से ली जाती है। उस अनुमति के बाद फिर नगर परिषद अनुमति देती है। परंतु अभी तक किसी ने अनुमति नहीं ली है।
-श्याम सुन्दर श्रीवास्तव, सीएमओ नगर परिषद
हमसे किसी भी कोचिंग संस्थान वाले ने अनुमति नहीं ली है। सोमवार को शहर के सभी कोचिंग संस्थानों का सर्वे कराएंगे। वहां पर अन्य घटनाओं से निपटने और सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम कराएंगे। कोचिंग सेंटर अगर नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उन पर कार्रवाई करेंगे।
– संजय उपाध्याय, एसडीएम बरेली
बगैर सुरक्षा के बहुमंजिला इमारतों में चलाए जा रहे कोचिंग संस्थान
बरेली. नगर में बहुमंजिला इमारतों और गली कूंचों में कोचिंग सेंटर बगैर अनुमति और बगैर एनओसी के वर्षों से संचालित की जा रही हैं। सुबह ५ बजे से रात्रि ८ बजे के बाद तक भीड़-भाड़ वाले इलाकों और मैन रोड से छात्र छात्राएं आवागमन कर रहे हैं। कई बार इन कोचिंग संस्थानों के आसपास छात्राओं के साथ छेडख़ानी और अभद्र व्यवहार भी हो चुके हैं। दूसरी और चल रहे दर्जनों कोचिंग सेंटरों में से दो चार संस्थानों को छोड़कर कहीं पर भी सीसीटीव्ही कैमरे नहीं लगे हैं।
इन संस्थानों में आग से निपटने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। ऐसे संस्थानों पर न तो कार्रवाई होती है और न ही जांच होती है। हाल ही में गुजरात के सूरत में दो दिन पहले ऐसे ही एक संस्थान में आग लगने की घटना में २१ बच्चों की मौत हो गई थी। तहसील बरेली में सूरत की तर्ज पर अनेक कामर्शियल कॉम्पलेक्सों में कोचिंग संस्थान सुरक्षा व्यवस्था को ताक में रख कर संचालित हो रहे हैं। रहवासी बिल्डिंगों में भी कोचिंग सेंटर धड़ल्ले से चलाए जा रहे है।
एनएच 12 पर कई संस्थान मौजूद हैं, जो दूसरी और तीसरी मंजिलों में कोचिंग क्लासेस संचालित कर रहे हैं। प्रमुख मार्गों तथा गली कूचों में भी निर्मित भवनों में यही स्थिति बनी हुई है। जहां की गलियों से गुजरना आसान नहीं होता है। फिर भी छात्र-छात्राएं अपने भविष्य को देखते हुए वहां पर शिक्षा लेने हेतु जा रही हैं। अगर वहां कोई हादसा होता है तो आग बुझाने के लिए फायरबिग्रेड अमले का पहुंचना भी मुश्किल होगा।
नगर प्रशासन का इस ओर नहीं ध्यान
राष्ट्रीय राजमार्ग सहित गली कूचों में संचालित कोचिंग संस्थानों की जांच करना नगर प्रशासन ने कभी भी मुनासिब नहीं समझा। यहां पर कोंचिंग सेंटरों के संचालकों के हौसले भी इस कदर बुलंद हैं कि उन्हें अधिकारियों का भी खौफ नहीं है। सुबह ५ बजे से रात्रि ८ बजे तक कोचिंग सेंटरों का चलना जारी रहता है। प्रशासनिक अमले ने यहां पर यह जानने की कोशिश नहीं की है।