डाबर गांव के किसान महेन्द्र सिंह बघेल, दीप सिंह बंजारा, हरीश लोधी आदि का कहना है कि यहां पर सर्वेयर द्वारा बेहतर क्वालिटी की उपज को भी खराब बताकर रिजेक्ट कर दिया गया था। जबकि अधिकतर किसान बेहतर किस्म की उपज लेकर आए थे। बिना छन्ना लगाए किसानों की उपज नहीं तौली जा रही थी। वहीं तुलाई में भी लेटलतीफी की जाती है। हम्मालों द्वारा ज्यादा तौलकर किसानों आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा। वहीं जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे बैठे हैं।
चना खरीदी केन्द्र पर जब मैं पहुंचा तो वहां पर किसी तरह समस्या नहीं थी। चना की तुलाई चल रही थी।
लखन सिंह तेकाम, एडीएम रायसेन।
दर्जनों खेतों में रोज लगाई जा रही आग
बरेली. खेतों से कटी फसल के बाद बची नरवाई में शाम के समय और मध्य रात्रि में किसान आग लगा रहे हैं। इस आग से आसपास खड़ी फसलों और निवासरत लोगों को खतरा बना रहता है। प्रशासन ने नरवाई में आग लगाने पर प्रतिबंध लगाया है, बावजूद इसके खेतों में हर दिन नरवाई जलाई जा रही है। गत दिनों नरवाई में लगी आग ने आंधी के साथ उग्र रूप धारण कर लिया था, जिससे ५० एकड़ की फसल जल गई थी। और भी कई घटनाएं हो चुकी हैं।