ये हुए हादसों के शिकार
हादसा-एक
सांची विदिशा रोड पर कान्वेंट स्कूल से गोपालपुर के बीच में ज्यादातर हादसे हुए हैं। पिछले माह २४ अक्टूबर को ही एक २० वर्षीय युवक को टैंकर ने रौंदा डाला।
हादसा-दो
इससे पहले साइकिल से जा रहे एक युवक ट्रक की चपेट में आने से मौत हो गई थी।
हादसा-तीन
एक नवंबर को कलेक्ट्रेट के आगे गड्ढों के बीच निकलते हुए ईंट से भरे टै्रक्टर-ट्रॉली पर बैठे एक किशोर गिर गया और ट्रॉली के पहिए में दबने से उसकी मौत हो गई थी।
हादसा-चार
१८ फरवरी २०१८ को बैतूल से पीएससी की परीक्षा देने बाइक से आए भाई-बहन भी कलेक्टे्रेट के आगे ट्रक की चपेट में आ गए थे। इसमें बाइक चालक भाई ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। वहीं उसकी बहन गंभीर घायल हो गई थी।
हादसा-पांच
दो वर्ष पहले २८ सितंबर २०१६ को सांची रोड पर पुलिस लाइन के सामने एक हादसा घटित हुआ। जिसमें पिता-पुत्री दोनों की मौत हो गई थी। पशु चिकित्सा विभाग में पदस्थ ३५ वर्षीय मेहबूब खां अपनी चार वर्षीय इकलौती बेटी आयशा को बाइक पर बैठाकर कान्वेंट स्कूल से ला रहे थे। तभी उन्हें ट्रक ने अपनी चपेट में ले लिया था।
यहां भी हुए हादसे
इसी रोड के हिस्से भोपाल की तरफ जाने वाले मार्ग की हालत भी खराब है। लगभग छह माह पहले दरगाह शरीफ के नजदीक रपटे पर एक सवारी ऑटो पलटने से दो लोगों की मौत हो गई थी। वहीं सदालतपुर घाटी पर लगभग सात माह पहले ऑटो पलटने से १२ लोग घायल हो गए थे।
इनका कहना
गड्ढों को बचाकर वाहन चलाना मुश्किल भरा होता है। सांची रोड पर जगह-जगह गड्ढे होने से हरदम खतरा बना रहता है। जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को इन समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।
संतोष वर्मा, ड्रायवर।
वर्जन
लगभग दो माह पहले एनएचएआई ने इस सडक़ के निर्माण की स्वीकृति दी है। आचार संहिता के बाद इसके टेडंर की प्रक्रिया शुरू होगी। निर्माण कार्य शुरू होने में अभी समय लगेगा। सडक़ निर्माण की जबाबदारी लोक निर्माण विभाग को सौंपी गई है।
विवेक जायसवाल, सीजीएम एनएचएआई।