विपक्ष के राजनीतिक दलों के नेताओंकी लिखित शिकावा शिकायतों के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर षणमुख प्रिया मिश्रा द्वारा रोक लगा दीगई है। शिकायत में चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन होने की बातें लिखी गई थीं।
इसके बाद जो शेष बिल रह गए थे।बिजली कंपनी के अधिकारियों ने इसके चलते दूसरे बिजली बिल जनरेट कर भेजे गए। ताकि आचार संहिता का उल्लंघन न हो सके। आदर्श आचार संहिता के चलते शासन की संचालित योजनाओं के पंजीयनों का काम भी फिलहाल बंद हो गया है। ऐसे में आचार संहिता के जो पूर्व के हितग्राही है केवल उन्हें ही शासन की योजनाओं का फायदा मिल पा रहा है। किसी भी विभाग में नए पंजीयन के काम की प्रक्रिया बंद हो गई है। ऐसे में कई लोग वंचित भी रह गए हैं।
जिन्हें विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद योजनाओं का लाभ मिलेगा। इधर आचार संहिता लागू होते ही बिजली कंपनी ने भी उपभोक्ताओं के घर तक पहुंचाने वाले बिलों पर शासन की योजना मुख्यमंत्री बिजली बिल माफी स्कीम के कॉलम को हटा दिया है।
हालांकि 6 अक्टूबर से पहले जो बिल जनरेट होकर घर तक पहुंच गए थे। उनमें कोई संशोधन नहीं किया गया है।
हालांकि 6 अक्टूबर से पहले जो बिल जनरेट होकर घर तक पहुंच गए थे। उनमें कोई संशोधन नहीं किया गया है।
पूराने पंजीयन पर ही मिलेगा जरूर फायदा…
सरल बिजली योजना के तहत प्रति माह 200 रुपए का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ मिलता रहेगा। नए आवेदनों पर काम बंद कर दिया गया है।
सरल बिजली योजना के तहत प्रति माह 200 रुपए का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ मिलता रहेगा। नए आवेदनों पर काम बंद कर दिया गया है।
वहीं शासन की तरफ से योजनाओं के पंजीयन के पोर्टल भी बंद हो गए हैं। इस संबंध में बिजली कंपनी के डीई एवं उप महाप्रबंधक एसपी दुबे ने बताया कि जो बिल आचार संहिता से पहले बंट चुके थे वह ही हैं। शेष से योजनाओं का कॉलम हटाकर बिल जनरेट कर उपभोक्ताओं को वितरित किए गए हैं।