scriptपानी में भीगे गेहूं में दीमक लगने की आशंका | Due to a downturn in wheat in water weighed down | Patrika News

पानी में भीगे गेहूं में दीमक लगने की आशंका

locationरायसेनPublished: Apr 21, 2019 10:57:20 pm

परिवहन नहीं होने से हो रहा है नुकसान

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Sanchi Thousands of quintals of wheat have come under open sky in the purchase of Wheat in the four farming service cooperatives of the region. Wheat is being arriving at the purchasing centers, due to which the stock is increasing, but due to non-transport of wheat the situation remains worrying. If seen, the transport system is completely zero.

सांची. क्षेत्र की चारों कृषक सेवा सहकारी संस्थाओं में चल रही गेहूं की खरीदी में हजारों क्विंटल गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़़ा हुआ है। खरीदी केंद्रों पर गेहूं की जमकर आवक हो रही है, जिसके चलते स्टॉक बढ़ता जा रहा है, लेकिन गेहूं के परिवहन नहीं होने से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। देखा जाए तो परिवहन व्यवस्था पूरी तरह शून्य है। बारिश में भीग चुका गेहूं सडऩे की कगार पर है तो कहीं दीमक लगने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है।
खरीदी केंद्रों पर स्टॉक अधिक हो जाने की वजह से गेहूं की सुरक्षा करना भी मुमकिन नहीं हो पा रहा है। गेहूं चोरी होने का डर भी केंद्र प्रभारियों को सताने लगा है। शासन द्वारा परिवहन का ठेका मित्तल ग्रुप को एक बार फिर सौंपा गया है, जबकि मित्तल कंपनी पूर्व से ही लापरवाही करते हुए कुछ मामलों में चर्चा में रही है।
सांची सलामतपुर दीवानगंज एवं पग्नेश्वर कृषक सेवा केंद्रों पर बड़ी मात्रा में गेहूं का स्टॉक जमा है। जिसका अभी तक परिवहन नहीं हुआ है। संस्था प्रबंधक नरेश राजपूत कुंवर सिंह दांगी, देवेंद्र मीणा एवं नवल मेहरा ने बताया कि गेहूं का परिवहन समय पर नहीं हुआ तो बड़ा नुकसान होने की संभावना है।
समर्थन मूल्य का नहीं खुला सरकारी खरीदी केंद्र, किसानों की परेशानी बढ़ी
उदयपुरा/थाला दिघावन. प्रदेश की सरकार आगामी लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक सीट जीतने की जुगत में इतनी व्यस्त हो गई। वह किसानों की समस्याओं पर ध्यान ही नहीं दे पा रही है, वहीं दूसरी ओर किसान संगठनों ने भी किनारा कर लिया है। ऐसे में किसानों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। किसान अपनी फसल घाटा खाकर कम दाम पर मंडी में बेचने के लिए लाचार है। जिले में समर्थन मूल्य पर चना, तुवर, मसूर के खरीदी केंद्रों का अता पता नहीं है।
चने का समर्थन मूल्य 4620 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है, लेकिन केंद्र नहीं खुलने से किसान मजबूर होकर कम दामों में मंडी में बेच रहे हैं। जहां चार हजार से कम दाम मिल रहे हैं।
शादी का सीजन है किसान को पैसों की जरूरत है इसलिए किसान प्रति क्विंटल सात सौ रुपए तक का घाटा उठाकर मंडी में चना बेच रहे हैं। सरकार ने चना खरीदी की तारीख 25 मार्च से निर्धारित की थी मगर आज तक चना खरीद शुरू नहीं हुआ है।
समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी में भी तमाम अव्यवस्थाएं हैं। आलम यह है किसानों के पास एसएमएस नहीं आ रहे हैं, किसान खरीदी केंद्रों का चक्कर लगा रहें हैं। जरूरत मंद किसान पंद्रह सौ से सोलह सौ रुपए प्रति क्विंटल में व्यापारियों को गेहूं बेचने को मजबूर हैं। जबकि सरकारी रेट 1840 तथा बोनस 160 मिलाकर दो हजार रुपए प्रति क्विंटल है।
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