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डॉक्टर नहीं पहुंचे अस्पताल, एक घंटे तक तड़पता रहा मरीज, गई जान

locationरायसेनPublished: Jul 20, 2018 11:41:52 am

बेगमगंज. प्रशासन चाहे लाख दावे करे मगर हकीकत यही है कि नगर के अस्पतालों में आमजन को आज भी बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

Dead Body Found

Dead Body Found

बेगमगंज. प्रशासन चाहे लाख दावे करे मगर हकीकत यही है कि नगर के अस्पतालों में आमजन को आज भी बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। कहीं संसाधनों का अभाव कभी चिकित्सा कर्मियो की लापरवाही। आलम ये है कि यहां सिविल अस्पताल में गुरुवार दोपहर को इलाज के अभाव में एक मरीज की मौत हो गई। बाद में कारण पता चला कि डॉक्टर के समय पर नहीं होने के कारण नपा कर्मी की इलाज के अभाव में मौत हो गई। इसके बाद उनके परिजनों ने अस्पताल में हंगामा खड़ाकर दिया।
खबर मिलते ही मौके पर टीआई पुलिस बल एवं नायब तहसीलदार के साथ अस्पताल पहुंचे और भीड़ को काबू में करके मामले को शांत कराया। नगर में स्वास्थ्य सेवाओं के बुरे हाल हैं। डॉक्टरों की कमी के कारण एक माह के अंदर शासकीय सिविल अस्पताल में इलाज के अभाव में तीसरी मौत होने से हंगामा हो गया। नगर पालिका के कर्मचारी मो. सलीम खान की अचानक तबीयत खराब होने पर उसे सिविल अस्पताल लाया गया। लेकिन जहां पर ड्यूटी पर कोई डॉक्टर नहीं होने के कारण भृत्य मनोज मिश्रा को डॉक्टर के लिए बुलाने के लिए भेजा गया। जिसकी इमरजेंसी ड्यूटी है उन्हें बुलाओ। एक घंटे तक मरीज पलंग पर पड़ा तडफ़ता रहा।
मगर उसे देखने के लिए न तो कोई डॉक्टर और न ही वहां मौजूद स्टॉफ नर्स ने कोई ध्यान दिया। करीब एक घंटे के बाद इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर नेहा मंसूरिया अपने घर से आई। तब तक मरीज की जान जा चुकी थी। मरीज के साथ आए परिजनों व लोगों को डॉक्टर द्वारा उनकी मौत की खबर बताते ही लोगों का आक्रोश फूट पड़ा और अस्पताल में उन्होंने हंगामा कर दिया। वहीं हंगामे के चलते अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। ड्यूटी से गायब डॉक्टर व स्टॉफ नर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर मृतक के शव को हाथ नहीं लगाने पर लोग अड़ गए। करीब दो घंटे तक शव पड़ा रहा और बाहर आक्रोशित लोग हंगामा करते रहे।
एसडीएम और पुलिस अधिकारी पहुंचे
खबर मिलते ही एसडीएम संतोष चंदेल ने तत्काल नायब तहसीलदार थान सिंह व टीआई राजेश तिवारी को भेजा। जिन्होंने मौके पर पहुंचकर स्थिति को सम्भाला और उत्तेजित लोगों को काफी मशक्कत के बाद इस बात पर मनाकर राजी कर लिया कि लापरवाही करने वाली संबंधित डॉक्टर व ड्यूटी पर मौजूद नर्स के खिलाफ कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को लिखा जाएगा। तब कहीं जाकर लोग मृतक सलीम खान के शव को अस्पताल से घर ले जाने के लिए तैयार हुए। तीन घंटे बाद परिजन व नगर पालिका कर्मचारियों द्वारा शव को अस्पताल से उठाया गया और घर ले गए।
सम्बंधितों की लापरवाही होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा जाएगा।
थान सिंह, नायब तहसीलदार,

कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे। दोषियों पर कार्रवाई होगी।
राजेश तिवारी, टीआई
अनट्रेंड कर्मचारियों के भरोसे करा रहे प्रसव
रायसेन. जिला अस्पताल का महिला प्रसूति एवं प्रसवोत्तर केंद्र इन दिनों अनट्रेंड कर्मचारियों के भरोसे संचालित हो रहा है। अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी कभी इस तरफ गंभीरता से ध्यान नहीं देते हैं। इस कारण अनट्रेंड कर्मचारियों के भरोसे महिलाओं असुरक्षित तरीके से महिलाओं के प्रसव कराए जा रहे हैं। महिला चिकित्सक भी अनट्रेंड स्वास्थ्य कर्मचारियों से काम ले रही हैं। इससे जच्चा-बच्चा की सेहत पर खतरा मंडराता रहता है। जहां एक ओर प्रदेश सरकार सुरक्षित प्रसव कराने व उनको लाभांवित करने करोड़ों रुपए का बजट खर्च करने का दावा कर रही है।

वहीं जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं लचर तरीके से चल रही हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रसूति प्रसवोत्तर केंद्र में इन दिनों आया, बाई अनटें्रड कर्मचारियों के भरोसे महिलाओं की डिलेवरी कराई जाने लगी है। जबकि सुरक्षित प्रसव में दक्षता हासिल दाइयों सहित वरिष्ठ महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों को महिला चिकित्सकों सहित स्टीवर्ड द्वारा उनको दूर कर अनटें्रड कर्मचारियों के जरिए ही डिलेवरी कराई जा रही है। स्टीवर्ड और अनटें्रड कर्मचारियों की मिलीभगत से लंबे समय से यह सब खेल चल रहा है। इससे जच्चा-बच्चा की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

बताया जा रहा है कि स्टीवर्ड द्वारा टें्रड महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों, दाइयों व सीनियर कर्मचारियों को जान बूझकर इस काम से दूर रखा जा रहा है।

मुझे इस मामले की फिलहाल कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि मुझे चार्ज अभी मिला है। मगर इस गड़बड़ी को मैं बिल्कुल होने नहीं दूंगा। जल्द ही इन नौसिखिया महिला कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. यशपाल सिंह बाल्यान, आरएमओ रायसेन।
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