मिली जानकारी के अनुसार रविवार की शाम 3 बजे हिरन को जंगल में कुत्ते दौड़ाने लगे। जिससे डरकर हिरन भागते हुए जंगल से गांव की तरफ भागने लगा। जंगल से निकल कर वह सबसे पहले बंशीधर यादव के घर के बाहर पंहुचा । जहां से भागते हुए वह गांव के संतोष के घर में गाड़ी रखने की जगह में जाकर घुस गया। उसे घर में घुसते हुए देखकर संतोष और लेबर ने लाठी और डण्डे से मारना शुरु कर दिया। दोनों उसे तबतक पीटते रहे जबतक उसकी मौत नहीं हो गई।
हिरन की मौत की खबर गांव के बंशीधर ने पुलिस और वन विभाग को दी। वन कर्मियों ने मौके पर पंहुच कर कोटरी के शव को कब्जे में लेकर पंचनामा कर उसे सोनक्यारी वन परिसर में रखा था।