रामा सोना (24):
25 फरवरी 2015 को दोपहर 12 बजे रामा सोना मोहल्ले में घूम रहा था। इसी बीच उसकी नजर मासूम बच्ची, जो बोल- सुन नहीं सकती थी, पर पड़ी। सोना ने पहले उसे चॉकलेट खिलाई। उसके बाद रामा उसे इशारे से बुलाते हुए अपने घर ले गया। घर के आंगन में मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। मासूम बच्ची जब दर्द से चीखने लगी तो रामा ने मुंह व नाक दबाकर हत्या कर दी। सजा : धारा ३६३, ३६५, ३६६ (नाबालिग का अपहरण) प्रत्येक धारा में ५-५ वर्ष कारावास व ५-५ सौ रुपए अर्थदंड। अतिरिक्त २-२ माह कारावास। धारा ३०२ (हत्या) मृत्युदंड, धारा ३७६ व पॉक्सो एक्ट (दुष्कर्म) में मृत्युदंड।
घटना की जानकारी कुंती सोना को शाम ६ बजे उसके छोटे बेटे दीपक ने दी। घटना के समय वह घर पर नहीं थी। शव सफेद रंग के प्लास्टिक बोरे में घर के आंगन में ईंट के पास रखा था। कुंती ने बच्ची के चेहरे पर पानी छिड़ककर देखा। शरीर में हरकत नहीं होने पर वह रामा के घर पहुंचने का इंतजार करती रही। रात लगभग ९ बजे रामा अपने दोस्त अमृत उर्फ केरी के साथ घर पहुंचा और तीनों ने मिलकर शव को ठिकाने लगाया। सजा : धारा २०१ व ३४ (साक्ष्य छुपाना और सहयोग करना) ५ वर्ष कारावास और ५०० रुपए अर्थदंड। अतिरिक्त २ माह।
रामा मासूम का अपहरण कर जब उसे घर लेकर आया तो अमृत सिंह टीवी देख निकल रहा था। रामा ने अपने दोस्त के सामने ही मासूम से दुष्कर्म किया और हत्या की। बाद में शव प्लास्टिक बोरे में भरकर घर के आंगन में रख दिया। अमृत सिंह ने पुलिस को बताया कि उसने रामा को दुष्कर्म करने से मना किया था, लेकिन उसने उसकी बात को नहीं सुनी। देररात शव को ठिकाने लगाने के लिए अपने दोस्त के कहने पर उसके साथ घर पहुंचा। सजा: धारा २०१ व ३४ (साक्ष्य छुपाना और सहयोग करना) ५ वर्ष कारावास और ५०० रुपए अर्थदंड। अतिरिक्त २ माह
हत्या और दुष्कर्म की घटना के बाद रामा का छोटा भाई घर पहुंचा। वह घर के आंगन में ईंटों के पास खाली बोतल तलाश कर रहा था। इसी बीच उसकी नजर प्लास्टिक के बोरे में रखे शव पर पड़ी। बोरी में मासूम बच्ची को देख उसने अपनी उंगली बच्ची की नाक के पास लगाकर देखा। सांस नहीं चलने पर उसने शोर मचाने का प्रयास किया, लेकिन रामा ने मोहल्ले की ओर जा रहे भाई को घर के अंदर ले जाकर मारपीट की और धमकी दी कि वह किसी से कुछ नहीं कही कहेगा। इसके बाद दीपक सोना भी घर में दुबककर बैठा रहा। मां के घर पहुंचने के बाद उसने घटना की जानकारी दी थी।