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इस रिटायर्ड अफसर ने कहा – सेना के पास नहीं है पर्याप्त गोला और बारूद

locationरायपुरPublished: Sep 20, 2018 12:57:04 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर प्रदीप यदु ने कहा कि सैनिकों के पास जंग लड़ने के लिए पर्याप्त गोला-बारूद नहीं है। वह संसाधनों की कमी से जूझ रहे है।

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सेना के इस रिटायर्ड अफसर ने केन्द्र सरकार पर फोड़ा बम, लगाए कई गंभीर आरोप

रायपुर. सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर प्रदीप यदु ने कहा कि सैनिकों के पास जंग लड़ने के लिए पर्याप्त गोला-बारूद नहीं है। वह संसाधनों की कमी से जूझ रहे है। वहीं केंद्र सरकार ने पहली बार 2018-19 में रक्षा बजट ही पेश नहीं किया। खानापूर्ति करने के लिए देश के कुल का जीडीपी का मात्र 1.58 फीसदी का प्रावधान किया गया है।
ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) यदु ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि सैनिक अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा करता है। लेकिन, 70 साल के इतिहास में आज जम्मू कश्मीर में उनकी सरेआम पिटाई हो रही है और केंद्र सरकार चुप्पी साधकर बैठी हुई है। इससे जवानों के स्वाभिमान पर ठेस पहुंच रही है। इस तरह की घटना देश में आज तक नहीं हुई है।
जवानों को अपनी जरूरतों के लिए ही जूझना पड़ रहा है। उन्हें दिए जाने वाला राशन तक बंद कर दिया गया है। वन रैंक वन पेंशन की योजना भी सिर्फ घोषणा तक बनकर रह गई है। उन्होंने पत्रकार वार्ता के दौरान सनसनीखेज आरोप लगाए और कहा कि वह सैनिकों के साथ किए जा रहे सौतेले व्यवहार से आहत हैं। उनकी समस्याओं का निराकरण करने वह अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं।

राजनीतिक उपयोग
सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर ने बताया कि 1984 में पहली बार सियाचिन में सर्जिकल स्ट्राइक किया गया था। इसके बाद कई बाद इस तरह के ऑपरेशन चलाए गए। लेकिन, आज किसी भी सरकार ने इसे सार्वजनिक नहीं किया गया। लेकिन, पाक अधिकृत सीमा पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक जानबूझकर वायरल किया गया।

सेवानिवृत ब्रिगेडियर ने आरोप लगाया कि यह सब राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया गया है। यह खेल पिछले 4 वर्षों से चल रहा है। उन्होंने बताया कि देश के 8 राज्यों में कराए गए सर्वे के अनुसार आज भी 90 फीसदी जनता सेना पर सबसे ज्यादा भरोसा करती है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट और पुलिस पर मात्र 4.5 फीसदी लोगों को ही भरोसा है।

रफाल सौदे पर उठाए सवाल
रफाल सौदे को लेकर सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर प्रदीप यदु ने सवाल उठाते हुए कहा कि इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए। 527 करोड़ रुपए में इसका सौदा किया गया, लेकिन आज इसकी कीमत 1770 करोड़ रुपए कैसे हो गई। यह जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व देख रहा है कि किस तरह से पिछले 4 वर्ष में तीन रक्षामंत्री बदल दिए गए। इसके बाद भी जवानों को समस्याएं आज तक हल नहीं हो पाई है।

माओवादी मोर्चे पर मिली मात
प्रदीप यदु ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार माओवादी मोर्चे पर पूरी तरह से विफल हो गई है। बिना किसी योजना के जवानों को उतारे जाने के कारण 2005 से लेकर अबतक छत्तीसगढ़ में 1011 जवान शहीद हो चुके हैं। इसका मुख्य कारण दिए जाने वाला प्रशिक्षण है। पुलिस के गुरिल्ला युध्द में निपुण नहीं होने के कारण ऑपरेशन में मात मिल रही है। उन्होंने कहा कि जवानों को सेवानिवृत सैन्यअफसरों से प्रशिक्षण दिलाने की जरूरत है।

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