सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी
– राज्य सरकार पर ढुलमुल रवैये का आरोप- पीयूसीएल की बैठक में बनी रणनीति
सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी
रायपुर. छत्तीसगढ़ जन स्वातंत्रय संगठन-पीयूसीएल के संयोजन में प्रदेश के 25 से अधिक जन संगठनों ने संशोधित नागरिकता कानून-सीएए, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर-एनपीआर और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर-एनआरसी के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी में है। संगठनों की बैठक में तय हुआ, 23 मार्च को शहीद भगत सिंह के पुण्य तिथि पर एक दिवसीय धरना होगा, 26 मार्च को भारतबन्द का समर्थन किया जाएगा और एक अप्रेल को पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान राज्य सरकार पर भी मामले में ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगा।
अधिवक्ता शालिनी गेरा ने कहा, राज्य सरकार एनपीआर की अधिसूचना जारी कर चुकी है। आंदोलन कमजोर पड़ चुका है जिसे एक बड़े जन आंदोलन में तब्दील करने के लिए कोशिश होनी चाहिए। छत्तीसगढ़ नदी-घाटी मोर्चा के गौतम बंद्योपाध्याय ने कहा, राज्य सरकार अगर आंदोलन के साथ है तो एनपीआर पर प्रशिक्षण और कार्यशाला जारी क्यों रखे हुए है। उन्होंने कहा, विभिन्न संगठनों को साथ लेकर आंदोलन को ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकता है। सीपीआई एमएल-रेड स्टार के सौरा यादव ने कहा, छत्तीसगढ़ में उचित तरीके से विरोध नही हो पाया है। एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर एनपीआर की अधिसूचना को रद्द करने की मांग करनी चाहिए। यादव ने कहा, कांग्रेस इस आंदोलन के साथ नहीं है। अगर वह साथ देती तो आंदोलन व्यापक हो जाता। वहीं डिग्री प्रसाद चौहान ने कहा, मुख्यमंत्री से मिलने की जगह आंदोलन को सड़क पर ही चलाया जाए। आदिवासी नेता सोनी सोरी ने कहा, आधार कार्ड जैसे तमाम कागज रहते हुए भी आदिवासी मारे जा रहे हैं। ऐसे में आंदोलन जरूरी हो गया है। बैठक की अध्यक्षता जीएएस के लखन सुबोध ने किया, जबकि संचालक छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला का था।
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