तोगाडिय़ा ने कहा कि अगर देशभर का किसान एक हो जाएगा तो किसी को भी उखाडक़र फेंक सकता है। उन्होंने कहा, गरीबों को भोजन मिले इसका ठेका केवल किसानों का नहीं सरकार का भी है। किसानों को चावल और गेहूं का सही दाम नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा, किसानों को सी-टू की स्थिति में डेढ़ गुना दाम मिलना चाहिए। तोगडिय़ा ने कहा, इसके लिए प्रधानमंत्री ने वादा किया था, लेकिन उन्होंने इस फॉर्मुले से किसानों को समर्थन मूल्य नहीं दिया। इससे पहले वे रायपुर के बाहर पहुंची किसानों की पदयात्रा में शामिल होकर शहर पहुंचे। यह किसान जगदलपुर से 10 सितम्बर को पैदल ही राजधानी के लिए रवाना हुए थे। ईदगाहभाठा मैदान की सभा में राष्ट्रीय किसान-मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिवकुमार कक्काजी मौजूद थे।
प्रगतिशील किसान संगठन के संयोजक राजकुमार गुप्त, राष्ट्रीय किसान परिषद के महामंत्री सुरेश चौधरी और छत्तीसगढ़ प्रमुख सुरेश यादव मौजूद थे।
‘अबकी बार किसानों की सरकार’ का नारा
इस सभा में तोगडिय़ा ने नया नारा उछाला। उन्होंने कहा, न भाजपा, न कांग्रेस अबकी बार किसानों की सरकार। उनके कार्यकर्ताओं ने सभा में जय श्रीराम के नारे भी लगाए। राजनीतिक प्रेक्षक इसे तोगडिय़ा के राजनीति महत्वाकांक्षा से जोडक़र देख रहे हैं।
प्रवीण तोगडि़या ने जो बातें बोली है, वो छत्तीसगढ़ में लागू नहीं होती है। यहां प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किसानों के हित में एेसे बहुत से काम हुए हैं, जो पहले कभी नहीं हुए हैं।
पूनम चंद्राकर, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा