scriptकबाड़खाने में तब्दील 10 हजार करोड़ के चिटफंड घोटाले के पर्दाफाश को बनाई पुलिस यूनिट | Police unit made for chit fund scam become scrape | Patrika News
रायपुर

कबाड़खाने में तब्दील 10 हजार करोड़ के चिटफंड घोटाले के पर्दाफाश को बनाई पुलिस यूनिट

सूबे के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने लाखों छत्तीसगढिय़ों के खून पसीने की कमाई लूट कर ले गए चिटफंड कंपनियों को लेकर की जा रही कवायदों की हवा निकाल दी है

रायपुरMar 19, 2019 / 04:58 pm

Deepak Sahu

CGNews

कबाड़खाने में तब्दील 10 हजार करोड़ के चिटफंड घोटाले के पर्दाफाश को बनाई पुलिस यूनिट

आवेश तिवारी@रायपुर. सूबे के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने लाखों छत्तीसगढिय़ों के खून पसीने की कमाई लूट कर ले गए चिटफंड कंपनियों को लेकर की जा रही कवायदों की हवा निकाल दी है। आलम यह है कि पूरे प्रदेश में लगभग 10 हजार करोड़ के घोटालों की तफ्तीश के लिए बनाई गई चिटफंड यूनिट कबाडख़ाने में तब्दील हो गई हैं। न कार्यालय है, न कर्मचारी, न ही जांच को लेकर किसी किस्म की खास कवायद चल रही है। बताया जाता है कि इस घोटालों में बड़े और रसूखदार लोगों के नाम जुड़े होने से अधिकारी सीधे कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में चिटफंड यूनिट के नाम पर डिप्टी एसपी रैंक के तीन महिला अधिकारियों की नियुक्ति करके अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली थी । आज स्थिति यह है कि इन तीनो यूनिट में वित्त बिभाग के आदेश के बावजूद कर्मचारी नहीं के बराबर है। जबकि पिछले तीन महीनों में राज्य सरकार द्वारा जमकर प्रमोशन ट्रांसफर किये गए हैं। आलम यह है कि अकेले बालोद जिले में चिटफंड घोटाले के 20 हजार मामले पेंडिंग है।

कोर्ट कर रही पुलिस महकमे का काम
चिटफंड घोटाले को लेकर विपक्ष भी कांग्रेस पर इस मामले में जमकर हमलावर हो रहा है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों से निवेशकों का करोडों लूट कर ले गई पीएसीएल कंपनी से पैसे वसूल कर उपभोक्ताओं को वापस करने को कहा है। गौरतलब है कि कोर्ट ने चिटफंड घोटालों की जांच के लिए लोढा कमेटी का गठन किया था ।

कोर्ट के आदेश को जब कांग्रेस ने खुद की पहल का नतीजा बताया तो भाजपा भी कहने से नहीं चुकी कि पीएसीएल द्वारा उगाही गयी रकम वापसी की कार्रवाई केन्द्र सरकार और सेबी की पहल पर की जा रही है। जमीनी हकीकत यह है कि जिन्हें चिटफंड घोटाले की जांच करनी चाहिए उन्हें अफसरों ने वीआईपी ड्यूटी समेत दूसरे कामों में उलझा रखा है न तो नई शिकायतें दर्ज हो पा रही है ,न ही पुरानी शिकायतों पर कार्रवाई हो रही है।

वित्त विभाग की सिफारिशों पर अफसरशाही का पर्दा
क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बिलासपुर में बैठी एक महिला पुलिस अधिकारी को जिसके नीचे न तो कोई कर्मचारी है न ही कोई आफिस है लगभग 280 किमी दूर सरगुजा में हुए चिटफंड घोटाले की भी जांच करनी है ? लेकिन हो यही रहा है इन अधिकारियों को जांच भी करनी है और प्रभावितों का पैसा भी वापस कराना है नाम न छापने की शर्त पर महकमे के एक अधिकारी कहते हैं चिटफंड यूनिट सबूत है कि छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्यशैली किस हद तक खराब होती जा रही है।

विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में राज्य के चिटफंड घोटाले की जांच करने और आम आदमी की गाढ़ी कमाई को वापस करने का वादा किया था। चिटफंड में बीस लाख निवेशक परिवारों और एक लाख एजेंटों से पांच हजार करोड़ रूपए से अधिक की ठगी हो गई तथा 57 लोगों की जानें चली गईं।
तीन सौ से अधिक एफआईआर दर्ज होने के बावजूद नौ साल में एक व्यक्ति को भी फूटी कौड़ी वापस नहीं मिली। वित्त विभाग के मुताबिक़ इन यूनिट्स में एक इन्स्पेक्टर, दो सब इन्सेप्क्टर, एक प्रधान आरक्षक और सिपाहियों की नियुक्ति की जानी थी लेकिन दुर्ग को छोडकऱ अन्य यूनिट्स में कर्मचारियों की पर्याप्त पदस्थापना नहीं की गई है। दुर्ग में न तो कोई महिला सिपाही है न कोई रीडर।
रायपुर के प्रभारी चिटफंड यूनिट आनंद छाबडा ने बताया कि चिटफंड यूनिट के संचालन में मैं और एसपी रायपुर सम्बंधित अधिकारी का पूरा सहयोग कर रहे थे । जहां तक सेटअप के न होने का सवाल है एक बार देखकर ही मैं कुछ कह पाऊंगा।

आईजी रायपुर
दुर्ग के एसपी प्रखर पाण्डेय ने बताया कि हमारे यहां की यूनिट में कर्मचारियों अधिकारियों की संख्या पर्याप्त है। इन यूनिट का संचालन रेंज स्तर पर होता है।

Home / Raipur / कबाड़खाने में तब्दील 10 हजार करोड़ के चिटफंड घोटाले के पर्दाफाश को बनाई पुलिस यूनिट

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो