वहीं इन लोगों को लाने के लिए वाहन कम न पड़े, इसके लिए सरकारी से लेकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट तक के सभी वाहनों को अधिगृहीत कर लिया गया है। इस प्रशासनिक तानाशाही के आगे जिले के 440 निजी स्कूल भी नहीं बचे हैं।
जिला प्रशासन ने स्कूलों के सभी वाहनों को 21 सितम्बर की शाम से ही बुला लिया है।
अफसरों के डर से नहीं बोल रहे संचालक : अफसरों के दबाव में भले ही स्कूल संचालक कुछ न बोल पा रहे हों, लेकिन उन्होंने उस दिन स्कूल को जरूर बंद कर दिया है। स्कूल संचालकों ने स्कूल के वाट्सऐप ग्रुप में सीधे तौर पर बच्चों के परिजनों को मैसेज लिखा है कि स्कूल के सभी वाहन देश के प्रधानमंत्री के आगमन पर अधिगृहीत कर लिए गए हैं। इससे उस दिन स्कूल में अवकाश घोषित किया गया है। स्कूल संचालक के इस संदेश से साफ है कि वह स्कूल को बंद करना नहीं चाहते थे, लेकिन मजबूरी में उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है।