प्रेग्नेंट महिलाएं
पपीते में मौजूद लेटक्स गर्भाशय के संकुचन को ट्रिगर कर सकता है। ऐसे में प्रसव जल्दी होने की संभावना बनी रहती है। इसके अलावा पपीते में मौजूद पपैन की वजह से हमारा शरीर प्रोस्टाग्लैंडीन समझने की गलती करता है। इससे भ्रूण की झिल्ली पर बुरा असर पड़ सकता है। यही वजह है कि गर्भावस्था में पपीता खाने से परहेज करना चाहिए।
किडनी में पथरी
अगर आपको किडनी में पथरी की शिकायत है, तो पपीते का अधिक सेवन करने से बचें। दरअसल, अधिक मात्रा में पपीते के सेवन से कैल्शियम ऑक्सलेट उत्पन्न हो सकता, जिससे किडनी की पथरी बढ़ सकती है। जिसके बाद यूरिन के जरिए पथरी निकलना मुश्किल हो सकता है।
एलर्जी की शिकायत
पपीते में मौजूद चिटिनेज नामत एंजाइम होता है, जो लेटेक्स पर क्रॉस रिएक्शन कर सकता है। इसके कारण आपको सांस लेने में परेशानी, छींक और खांसी आना, आंखों में पानी आने जैसी समस्या हो सकती है।
पीलिया और अस्थमा
अगर आप पीलिया और अस्थमा के मरीज हैं, तो आपको पपीता खाने से नुकसान हो सकता है। एक्सपट्र्स के अनुसार, पपीते में मौजूद पपाइन और बीटा कैरोटीन इन दोनों बीमारियों के लिए नुकसानदायक हैं।
बीपी के मरीज
एक्सपर्ट के अनुसार हृदय रोगों के मरीजों के लिए भी पपीते का सेवन नुकसानदायक साबित हो सकता है। पपीते के अधिक सेवन से हार्ट बीट स्लो हो सकती है। बीपी के रोगी इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें।