बता दें कि पत्रकारिता विवि पर संघीय गतिविधियों का बार-बार आरोप लगता रहा है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ही उनके इस्तीफे के कयास लगाए जा रहे थे। कुलपति परमार पूर्व कुलपति डॉ. सच्चिदानंद जोशी के कार्यकाल पूरा होने के बाद 9 मई 2015 को रायपुर के पत्रकारिता विवि में पदभार ग्रहण किए थे। कुलपति बनने से पहले प्रो. परमार देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय इंदौर में मास कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे।
कार्यकाल एक साल बचे होने के बाद भी परमार के इस्तीफा देने से कई कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार डॉ. परमार पर वित्तीय अनियमिता की जांच भी चल रही है। इसे लेकर उन पर काफी दबाव था। मामले में विवि के कुलसचिव अतुल तिवारी ने जानकारी नहीं होने की बात कही है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले दुर्ग विवि के कुलपति शैलेंद्र सराफा ने भी अचानक इस्तीफा दे दिया था।