3. प्रश्नकाल में बहुजन समाज पार्टी के विधायक केशव प्रसाद चंद्रा ने धान खरीदी के समय खेत का क्षेत्रफल कम करने को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि जांजगीर-चांपा जिले में कितने किसानों के पंजीकृत रकबे में संशोधन किए गए। जवाब मेंं राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बताया, जिले में 1 लाख 73 हजार 205 किसानों का पंजीयन हुआ था। वास्तविक रकबे में अंतर की वजह से 20 हजार 254 किसानों का रकबा बाद में बदला गया। किसान हेल्पलाइन में 558 किसानों ने शिकायत की। इसके आधार पर 554 किसानों का रकबा दुरुस्त किया गया। केशव चंद्रा ने पूछा कि जिन अधिकारियों ने गलती की उनपर क्या कार्रवाई हुई। जवाब में मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा, इसमें किसी की कोई गलती नहीं है। किसी के खेत का क्षेत्रफल कम नहीं किया गया। वास्तविक सत्यापन के आधार पर संशोधन किए गए।
4. कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने जावंगा एजुकेशन सिटी के लिए आदिवासी किसानों के पटटे की जमीन बिना मुआवजा दिए लेने की शिकायतों की जानकारी मांगी। जवाब में राजस्व मंत्री ने बताया, गीदम के पनेड़ा गांव में 12 लोगों के वन अधिकार पटटे से मिली 10.30 हेक्टेयर जमीन का पटटा निरस्त किया गया है। यह काम जावंगा एजुकेशन सिटी के लिए हुआ था। इसमें 4 लोगों को 34 लाख रुपए का मुआवजा जिला खनिज निधि न्यास से दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इसपर सवाल उठा दिए। उन्होंने मंत्री से जानना चाहा कि क्या डीएमएफ से भू-अर्जन का मुआवजा दिया जा सकता है। मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा, उनकी जानकारी में ऐसा नहीं किया जा सकता। भाजपा विधायकों ने इस सवाल का विरोध किया। विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा, राजनीतिक कारणों से जावंगा एजुकेशन सिटी जैसे काम का विरोध किया जा रहा है। बस्तर के विधायकों के भारी दबाव के बीच राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की।
5. कांग्रेस विधायक रेखचंद जैने ने शिक्षा का अधिकार कानून की आड़ में भ्रष्टाचार का मामला उठाया। उन्होंने पूछा कि जिन निजी स्कूलों की वार्षिक फीस 3500 रुपया निर्धारित है। आरटीई के तहत उन स्कूलों को 7 हजार रुपया वार्षिक का भुगतान किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने ऐसे मामलों की जांच और दोषियों पर कार्रवाई करने का भरोसा दिया।
6. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक धर्मजीत सिंह ने राजस्व सीमांकन के लिए महत्वपूर्ण चांदा-मुनारों के गायब हो जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, बिना इनके जमीन विवादों में न्याय कैसे संभव ह