रायपुर से हैदराबाद जा रहे विमान यात्री सुरेश जैन ने बताया कि बर्ड हिट के बाद हमे पता तो नहीं चला कि विमान से बाज टकराया है, लेकिन सभी यात्रियों ने जोर का झटका महसूस किया। सभी को लगा कि विमान में कुछ बड़ी घटना हो चुकी है, इसलिए सभी लोग डरे-सहमे हुए थे। जब विमान को आसमान में घुमाया गया और दहशत का माहौल था।
इमरजेंसी लैडिंग होने के पहले यात्रियों को बर्ड हिट की जानकारी नहीं दी गई थी। माना एयरपोर्ट में फिर से लैडिंग के बाद यात्रियों को यह बात पता चली। इससे पहले कुछ तकनीकी खराबी आने के कारण बताकर यात्रियों को दिलासा दिला गया था।
यात्रियों ने बताया कि इमरजेंसी लैडिंग के बाद यात्रियों को काफी परेशान होना पड़ा। काफी हो-हल्ले के बाद यात्रियों के लिए दूसरी फ्लाइट का इंतजाम किया गया। काउंटर में भी अधिकारी बात सुनने को तैयार नहीं थे। प्रबंधन का सकारात्मक व्यवहार नहीं था।
यात्रियों ने बताया कि हैदराबाद से दिल्ली जाने के लिए इंडिगो प्रबंधन से टिकट लेने में काफी बहस हुई। सभी यात्रियों को गतंव्य तक भेजने के लिए फ्लाइट फुल होने का हवाला दिया जा रहा था। इमरजेंसी लैडिंग की सूचना बाद में दी गई। इससे पहले उड़ान के दौरान जोर का झटका लगा।
एयरपोर्ट निदेशक का कहना है कि बारिश के मौसम में एयरपोर्ट के आस-पास पक्षियों की आवाजाही बढ़ जाती है। हरियाली की वजह से भोजन व्यवस्था के लिए ये पक्षी एयरपोर्ट के आस-पास पेड़ों पर बसेरा डालते हैं। एयरपोर्ट विस्तारीकरण का काम जारी है, जिसमें एयरपोर्ट के रनवे का दायरा बढ़ाया जा रहा है। आस-पास के इलाकों में भी लगातार मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों को समय-समय पर जिम्मेदारी दी जाती है।
पिछले महीने एयरपोर्ट में आयोजित पर्यावरण समिति की बैठक में एयरपोर्ट प्रबंधन ने नगर-निगम, जिला प्रशासन की मौजूदगी में बर्ड हिट का मामला उठाया था, जिसके बाद जिला प्रशासन की ओर से भरोसा दिलाया गया था कि एयरपोर्ट के आस-पास होटल-ढाबों पर निगरानी रखी जाएगी, लेकिन कुछ बड़ा प्रभाव नहीं हुआ।