इसलिए हो रही हड़ताल
एसोसिएशन के अनुसार किमी का भत्ता रिवाइज, रनिंग कर्मचारियों की पेंशन पर सुनवाई, सेफ्टी कमेटी की सिफारिशों को लागू करने, पूर्व की पेंशन व्यवस्था को लागू करते हुए नई पेंशन प्रणाली बंद करने, क्रू बोर्ड की मांग अनुसार वर्र्किंग के घंटे तय किए जाने की प्रमुख मांग है। इन मांग को लेकर लगातार मांग हो रही है, यहां तक की रेलवे ने ये भरोसा भी दे दिया कि इन पर विचार होगा, लेकिन वित्त कमेटी तो कुछ मांग पर निर्णय ही नहीं कर रही।
आंदोलन पर होगी इन धाराओं में कार्रवाई
रेलवे बोर्ड (Railway Board) निदेशक के अनुसार रेलवे में चक्काजाम, रेल रोकने, भूख हड़ताल (hunger strike) करने पर रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 173, 174, 175 के अंतर्गत कार्रवाई होगी। यदि रेल कर्मी हड़ताल में शामिल हुए तो उन्हें नो वर्क नो पे (no work no pay) के दायरे में रखा जाएगा और 2 वर्ष की सजा भी हो सकती है। सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के खिलाफ केंद्रीय कर्मचारियों की 17 जुलाई से होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल में रेलकर्मी शामिल हुए तो उन्हें दो साल की सजा भी हो सकती है। यह नोटिस रेलवे की ओर से कर्मचारियों को मिलना शुरू हो गया है।
कार्यालय के सामने भूख हड़ताल
हम अपनी मांगों से रेलवे प्रशासन को अवगत करा दिए हैं। एसोसिएशन के बैनरतले सोमवार को भूखे पेट ट्रेन चलाएंगे। जिन सदस्यों की ड्यूटी ट्रेन में नहीं रहेगी, वे लोको रनिंंग स्टाफ कार्यालय के सामने भूख हड़ताल पर रहेंगे।
– जयशंकर शर्मा, सचिव, रायपुर लोको एसोसिएशन
– कौशल किशोर, डीआरएम (DRM), रायपुर रेल मंडल