यह स्थिति तब है जब नया रायपुर में अभी आबादी बने मकानों के अनुरूप काफी कम है। यहां सेक्टर-27 और सेक्टर-29 में आबादी लगभग 3000 के करीब है। यहां सेक्टर-27 के फ्लैट में रहने वाले रहवासियों का कहना है कि फ्लैट के ऊपर कचरा फेंकने के लिए बनाया गया डक्ट भी बंद कर दिया गया है, वहीं नीचे कचरा फेंकने पर भी समय पर कचरा नहीं उठाया जा रहा है। गीले और सूखे कचरे की परिभाषा अभी तक नया रायपुर वालों को नहीं बताया गया है।
फ्लैट के वादे अब अधूरे
रहवासियों का कहना है कि हाउसिंग बोर्ड ने फ्लैट को बेचने के पहले वादा किया था कि रहवासियों का कचरा फेकने के लिए नीचे आने की आवश्यकता नहीं होगी।
फ्लैट के हर ब्लॉक में बने डक्ट के जरिए कचरा नीचे फेंके जाने की सुविधा है। अब यह डक्ट बंद कर दिया गया है। हजारों रुपए यूजर चार्ज के बाद भी डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की सुविधा नहीं दी जा रही है। रहवासियों का कहना है कि एक साल में यूजर चार्ज के रूप में 14 हजार रुपए की वसूली जा रही है। रहवासी बलवंत कौर बल ने बताया कि एनआरडीए ने 4-5 वर्षों का यूजर चार्ज एक साथ वसूल कर लिया है। अब साफ-सफाई के लिए बार-बार चिल्लाना पड़ रहा है।
प्राधिकरण और बोर्ड में सांमजस्य नहीं
नया रायपुर में मकानोंं का निर्माण छग हाउसिंग बोर्ड ने किया है, वहीं प्रशासनिक व्यवस्था अटल नगर विकास प्राधिकरण के द्वारा संचालित किया जा रहा है। रहवासियों का कहना है कि साल में अधिकतम 14 हजार यूजर चार्ज के अलावा पानी के लिए 250 रुपए का शुल्क अलग से देना पड़ रहा है।
छग हाउसिंग बोर्ड (अटल नगर) के कार्यपालन अभियंता दिलीप राठी ने बताया कि फ्लैट्स में डोर-डू-डोर कचरा कलेक्शन नहीं किया जा रहा है। डक्ट को व्यवहारिक परेशानियों की वजह से बंद किया गया है। साफ-सफाई की मॉनिटरिंग की जा रही है।