script200 खंडों में प्रकाशित होगी ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण | Global Encyclopedia of Ramayana will be published in 200 volumes | Patrika News
रायपुर

200 खंडों में प्रकाशित होगी ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण

इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण के संयोजक ललित शर्मा ने कहा कि रामायण के ऊपर ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण 200 खंडों में प्रकाशित होगी। रामगढ़ का भगवान राम के वन गमन से क्या नाता रहा है, कालिदास जी ने मेघदूतम की रचना इसी रामगढ़ की पहाड़ी पर की थी।

रायपुरJun 08, 2020 / 01:33 am

Yagya Singh Thakur

200 खंडों में प्रकाशित होगी ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण

200 खंडों में प्रकाशित होगी ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण

रायपुर ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण, सेंटर फॉर स्टडी ऑन हॉलिस्टिक डेवलपमेंट रायपुर और दक्षिण कोशल टुडे छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में ऑनलाइन शोध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता प्रो. डॉक्टर निलिम्प नाथ त्रिपाठी, डॉ भास्कराचार्य त्रिपाठी शोध संस्थान, भोपाल के अध्यक्ष थे।
अध्यक्षता डॉ ब्योमकेश त्रिपाठी कुलपति उत्कल कल्चर यूनिवर्सिटी भुबनेश्वर ओडिशा ने की। वेबिनार में सेंटर फॉर स्टडी ऑन हॉलिस्टिक डेवलपमेंट रायपुर के सचिव विवेक सक्सेना, डॉ शैलेन्द्र सर्राफ़, डॉ सतीश देशपाण्डे, अशोक तिवारी, डॉ नितेश मिश्रा, डॉ पुरषोत्तम चंद्राकर, शुभा रजक, वेद राजपूत, रायपुर, संध्या शर्मा, लखेश चंद्रवंशी, हेमंत केतकर नागपुर, कविता वर्मा इंदौर, डॉ प्रताप पान्डेय, बिलासपुर, हरि सिंह क्षत्री कोरबा, गिरीश गुप्ता, अरविंद मिश्रा, रेखा पाण्डेय, शिरीष मिश्रा, अनिता मंडिलवार, डॉ मोहन साहू, राजनारायण द्विवेदी, गीता द्विवेदी, अजय चतुर्वेदी, सपन सिन्हा, सरगुजा आदि शामिल थे।
रामगढ़ की पहाड़ी पर की थी मेघदूतम की रचना
डॉ त्रिपाठी ने कहा कि आज से हजारों साल पहले, जब पाश्चात्य को शौचाचार की जानकारी नहीं थी, तब भारत में संस्कृत पल्लवित हो रही थी। सम्राट विक्रमादित्य ने कवि कालिदास को उज्जैन से रामगढ़ स्थानांतरित कर दिया था। तब कालिदास ने रामगढ़ आकर यहां की प्रकृति से प्रभावित होकर मेघदूतम की रचना की। रामगढ़ इतिहास, पुरातत्त्व और संस्कृति इत्यादि की अनूठी संगम स्थली है। यहां पर तत्कालीन कलेक्टरों, अन्य विद्वानों और रोहित यादव आदि ने भी कई काम किया है। रोहित यादव ने शुक्ल अभिसारिका और कृष्ण अभिसारिका को शुक्ल और कृष्ण पक्ष को लेकर नामकरण भी किया था। यहां रामगढ़ अकादमी की स्थापना होनी चाहिए। इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण के संयोजक ललित शर्मा ने कहा कि रामायण के ऊपर ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण 200 खंडों में प्रकाशित होगी। रामगढ़ का भगवान राम के वन गमन से क्या नाता रहा है, कालिदास जी ने मेघदूतम की रचना इसी रामगढ़ की पहाड़ी पर की थी।

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